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सट्टेबाजी को रोक नहीं सकते तो वैध ही कर दें?

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:13 July 2018 6:42 PM GMT
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अगली बार यदि आपका मन इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में किसी टीम विशेष के जीतने पर, खास बॉलर के विकेट लेने पर या महेंद्र सिंह धोनी के हेलीकॉप्टर शॉट से लगने वाले छक्के पर सट्टा लगाना हो तो यह काम पुलिस या कानून के डर से छिपाकर शायद नहीं करना होगा। क्योंकि केंद्रीय लॉ कमीशन ने क्रिकेट समेत सभी खेलों पर जुए और सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देने की सिफारिश की है। लॉ कमीशन ने परोक्ष या अपरोक्ष टैक्स सिस्टम के तहत जुआ खेलने व सट्टेबाजी करने को मान्यता देकर इसे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को आकर्षित करने का जरिया बनाने की सिफारिश की है। लॉ कमीशन ने गत सप्ताह केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को सौंपी रिपोर्ट में गैम्बलिंग को रेग्यूलेट करने की सिफारिश की है। हालांकि इस रिपोर्ट को सौंपे जाने के अगले दिन ही कमीशन के अध्यक्ष ने स्पष्टीकरण जारी कर दिया। लॉ कमीशन के चेयरमैन जस्टिस बीएस चौहान ने कहा कि लॉ कमीशन की ताजा रिपोर्ट को गलत समझ लिया गया है। उन्होंने कहा कि हमने साफ तौर पर कहा है कि भारत में मौजूदा स्थिति में सट्टेबाजी और जुए को वैध करने की जरूरत नहीं है। अवैध सट्टेबाजी और जुए पर पूरी तरह बैन जारी रहना चाहिए। कांग्रेस ने इस सुझाव का विरोध किया है। कांग्रेस ने पूछा कि क्या देश की हर पान की दुकान को जुए के अड्डे में मोदी सरकार बदलना चाहती है? कांग्रेस ने कहा कि सरकार जुए-सट्टे के माध्यम से पीढ़ियों को बर्बाद करने की तैयारी में है क्या? पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने काव्यात्मक अंदाज में तंज कसते हुए कहाöगरीब की जिन्दगी में जुए के जहर का घोल, टैक्स के लिए भविष्य पर सट्टे का चोला। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी का कहना है कि जहां एक ओर खेल को नुकसान पहुंचेगा, वहीं दूसरी ओर परिवारों व समाज पर इसका गलत असर पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2016 में विधि आयोग से क्रिकेट में सट्टेबाजी वैध करने के मुद्दों की जांच करने के लिए कहा था। आयोग ने कानूनी ढांचा जुआ और क्रिकेट सहित खेलों में सट्टेबाजी शीर्षक से रिपोर्ट सौंपी है। लॉ कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि संसद इसे कानून के तहत ला सकती है। फोरेक्स और एफडीआई नीति से जुड़े कानूनों में संशोधन के जरिये जुआ-घरों व ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सकता है। कमीशन का मानना है कि इससे जहां देश में विदेशी मुद्रा बढ़ेगी। वहीं लाखों की संख्या में रोजगार भी पैदा होंगे। आयोग ने जुए और सट्टे में लेन-देन को कैशलेस बनाने और मनी लांड्रिंग जैसी गैर-कानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए इसमें शामिल होने वाले व्यक्ति के आधार व पैन कार्ड को लिंग करने की सिफारिश की है। दुनिया के कई मुल्कों में गैम्बलिंग लीगल है और जुआ खेलने वालों को छिपकर यह काम नहीं करना पड़ता।

-अनिल नरेन्द्र

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