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माइनस 28 डिग्री तापमान में पहरा दे रहे जवान

👤 Veer Arjun | Updated on:18 Jan 2022 4:50 AM GMT

माइनस 28 डिग्री तापमान में पहरा दे रहे जवान

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—अनिल नरेन्द्र

भारत-चीन सीमा पर माइनस 28 डिग्री सेल्सियस तापमान में जहां रत्रोतों से निकलने से पहले पानी जम जाता है, वहां भारतीय सेना के हमारे जवान दिन-रात गश्त कर रहे हैं। चीन से तनाव के बाद यह दूसरा मौका है जब भारत के जवान 10 से 15 हजार पुट की ऊंचाईं पर चार पुट से अधिक बर्प के बीच देश की खातिर खड़े हैं। चीन से विवाद के चलते भारतीय सेना और आईंटीबीपी ने इस बार भी सीमा की आखिरी चौकियां नहीं छोड़ीं। पिथौरागढ़ में चीनी सीमा से सटे कईं हिस्सों में इन दिनों परिन्दे भी नहीं दिख रहे हैं। कालापानी, लिपुलेखा, झियालेख, विदांग और वूटी में तापमान 18 से 28 डिग्री (माइनस) तक पहुंच रहा है। साल 2020 से पहले इन क्षेत्रों में जवान केवल पेट्रोलिंग के लिए जाते थे लेकिन चीन से तनाव के कारण बीते साल से पहली बार आईंटीबीपी और सेना तैनात है। पहले बर्पबारी के बाद जिन माइग्रोशन वाली चौकियों से सैनिक शीतकाल में नीचे आ जाते थे, चीन से तनाव के बाद अब अधिकतर चौकियों में सैनिक खून जमा देने वाली सदा में भी देश की रक्षा के लिए जुटे हुए हैं। पहले अधिक ऊंचाईं वाली पोस्टों में शीतकाल में केवल आईंटीबीपी रहती थी। अब सेना भी लगातार रह रही है।

भारी बर्पबारी से तापमान माइनस 10 से 28 डिग्री के बीच पहुंच गया है, इसके बाद भी सैनिक रात-दिन डटे हुए हैं। हम भारतीय सेना और आईंटीबीपी के इन साहसी जवानों की सराहना करते हैं। दुनिया के सबसे ऊंचे रक्षा क्षेत्र में भारतीय सेना के जवानों को हमारा सलाम।

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