3 साल में 13 दुष्कर्म— आरोपी बिशप बरी
—अनिल नरेन्द्र
सिस्टर अनुपमा ने कहा—हमें भरोसा नहीं है कि ऐसा पैसला आया है। ऐसा लगता है कि अमीर और रसूखदार वुछ भी कर सकते हैं। दरअसल वैथोलिक चर्च के इतिहास में पहली बार कोईं बिशप चार्जशीट में आरोपित था। जून 2018 में केरल की नन ने लैटिन वैथोलिक चर्च के जालंधर डायोसिस के बिशप के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराईं थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 से 2016 के बीच केरल यात्रा के दौरान बिशप ने उससे 13 बार बलात्कार किया। इसके बाद प्रोंको को पद से हटा दिया गया। सितम्बर 2018 में गिरफ्तारी हुईं। प्रोंको ने कहा—नन की वित्तीय गड़बिड़यों पर अंगुली उठाने के कारण उन्हें पंसाया गया है। केस खारिज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गए, लेकिन राहत नहीं मिली।
जांच करने वाली एसआईंटी के प्रामुख एस. हरिशंकर ने कहा—पैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। पैसला न्याय व्यवस्था के लिए हैरान करने वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने कईं बार कहा है कि पीिड़ता के बयान में गंभीर विसंगति न हो तो अभियोजन के लिए संतोषजनक सुबूत माना जा सकता है। यह दलील मानने लायक नहीं है कि महिला को दुष्कर्म के वक्त शिकायत करनी थी।
पैसले को चुनौती देंगे। लोक अभियोजक ने कहा—39 गवाहों ने बयान दर्ज कराए। कोईं मुकरा नहीं। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा रेखा शर्मा ने कहा—पैसले से सदमें में हूं। आयोग पीिड़त पक्ष के साथ है। लोक अभियोजक जितेश ने कहा कि पीिड़ता के बयान के बावजूद ऐसा पैसला आया है। उन्होंने कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद पैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।