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3 साल में 13 दुष्कर्म— आरोपी बिशप बरी

👤 Veer Arjun | Updated on:18 Jan 2022 5:00 AM GMT

3 साल में 13 दुष्कर्म— आरोपी बिशप बरी

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—अनिल नरेन्द्र

केरल के कोर्ट ने शुव््रावार को एक नन से तीन साल में 13 बार दुष्कर्म के आरोपी वैथोलिक बिशप प्रोंको मुलक्कल (57) को बरी कर दिया है। इस पैसले के इंतजार में शुव््रावार सुबह से कोट्टायम जिला कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में लोग जुटे हुए थे। पीिड़ता और उनकी वुछ सहयोगी भी, बिशप समर्थक और आम लोग मौजूद थे। सुबह 11 बजे अतिरिक्त जिला जज पी. गोपाल वुमार ने कहा—बिशप प्रोंको मुलक्कल को कोट्टायम कॉन्वेंट की नन द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों का दोषी नहीं पाया गया। इतना सुनते ही कोर्ट में लोग एक-दूसरे को आवाक देखते रह गए। भरोसा नहीं हुआ कि बिशप को बरी किया गया है। लोगों ने एक-दूसरे से पूछा कि उन्होंने जो सुना है, क्या वह सच है? इस लड़ाईं को लेकर नन का साथ देने पर निष्कासन झेल रही सिस्टर लूसी ने उम्मीद जताईं कि आखिर में कानून की लड़ाईं हम जीतेंगे। मामले में विशेष जांच दल ने अप्रौल 2019 में 2000 पेज का आरोप पत्र दाखिल किया। नवम्बर 2019 को सुनवाईं शुरू हुईं। 105 दिन चली सुनवाईं में 39 गवाहों से पूछताछ हुईं। 122 दस्तावेज पेश किए गए। 10 जनवरी को सुनवाईं पूरी हुईं। लड़ाईं में पीिड़ता का साथ देने वाले पैसले को सुनकर रो पड़े।

सिस्टर अनुपमा ने कहा—हमें भरोसा नहीं है कि ऐसा पैसला आया है। ऐसा लगता है कि अमीर और रसूखदार वुछ भी कर सकते हैं। दरअसल वैथोलिक चर्च के इतिहास में पहली बार कोईं बिशप चार्जशीट में आरोपित था। जून 2018 में केरल की नन ने लैटिन वैथोलिक चर्च के जालंधर डायोसिस के बिशप के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराईं थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 से 2016 के बीच केरल यात्रा के दौरान बिशप ने उससे 13 बार बलात्कार किया। इसके बाद प्रोंको को पद से हटा दिया गया। सितम्बर 2018 में गिरफ्तारी हुईं। प्रोंको ने कहा—नन की वित्तीय गड़बिड़यों पर अंगुली उठाने के कारण उन्हें पंसाया गया है। केस खारिज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गए, लेकिन राहत नहीं मिली।

जांच करने वाली एसआईंटी के प्रामुख एस. हरिशंकर ने कहा—पैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। पैसला न्याय व्यवस्था के लिए हैरान करने वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने कईं बार कहा है कि पीिड़ता के बयान में गंभीर विसंगति न हो तो अभियोजन के लिए संतोषजनक सुबूत माना जा सकता है। यह दलील मानने लायक नहीं है कि महिला को दुष्कर्म के वक्त शिकायत करनी थी।

पैसले को चुनौती देंगे। लोक अभियोजक ने कहा—39 गवाहों ने बयान दर्ज कराए। कोईं मुकरा नहीं। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा रेखा शर्मा ने कहा—पैसले से सदमें में हूं। आयोग पीिड़त पक्ष के साथ है। लोक अभियोजक जितेश ने कहा कि पीिड़ता के बयान के बावजूद ऐसा पैसला आया है। उन्होंने कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद पैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।

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