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आजम को जेल : बदले की भावना या कर्मों का फल

👤 manish kumar | Updated on:1 March 2020 6:09 AM GMT

आजम को जेल : बदले की भावना या कर्मों का फल

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-अनिल नरेंद्र

समाजवादी पार्टी के तेज-तर्रार नेता व सांसद आजम खान पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। बुधवार को रामपुर के एडीजे-6 अदालत में आजम और उनके परिवार के साथ पेश होने पहुंचे। सभी को दो मार्च तक जुडिशल कस्टडी में भेजा गया है। आजम के खिलाफ अदालत ने कुर्की वारंट जारी कर दिए थे। यह वारंट अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने से संबंधित मुकदमे में जारी किए गए थे। बुधवार को इस मामले में आजम, उनकी पत्नी व रामपुर से विधायक तंजीन फातिमा और बेटे ने सरेंडर कर दिया। बता दें कि आजम खान ने 20 मामलों में जमानत याचिका दायर की थी। कई मामलों में तो जमानत मंजूर हो गई है। लेकिन बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी प्रमाण पत्र और दो पासपोर्ट के मामले में धारा 420 के तहत मामले में जमानत याचिका खारिज हो गई है। अब उन्हें जमानत के लिए हाई कोर्ट जाना पड़ेगा। उधर रामपुर के एसपी ने कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए आजम खान को रामपुर की जगह किसी अन्य जेल में रखा जाए।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में भेजे गए आजम खान का नाम लिए बिना उनकी तरफ इशारा करते हुए कहा कि हम गंदगी को साफ कर रहे हैं, चाहे वह किसी रूप में हो। योगी ने विधानसभा में पेश बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए किसी का नाम लिए बगैर कहा बिजली तो अब बहुत चमक रही है वहां (रामपुर) पर। बहुत तेजी से चमक रही है। जब बिजली चमकती है तो फालतू वायरस पैदा नहीं होते। इस पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने ठहाके लगाए। वहीं समाजवादी पार्टी ने इस घटनाक्रम के लिए परोक्ष रूप से सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाते हुए इसे बदले की भावना से की गई कार्रवाई करार दिया है। पार्टी ने ट्वीट किया ।

समाजवादी पार्टी बदले की भावना से किसी भी कार्रवाई को उचित नहीं मानती है। समाजवादी पार्टी ने कहाöसमाजवादी पार्टी भी न्यायिक प्रणाली पर भरोसा करती है। अदालत पर विश्वास है कि न्याय मिलेगा। उधर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन ने कहा आजम खान ने सिर्प अपने लिए ही राजनीति की। यह गरीबों के शोषण का फल है। हम उन्हें जेल भेजने के अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को ऐसे लोगों को अपने साथ राजनीति में जोड़ने पर सफाई देनी चाहिए। बता दें कि पिछले साल यूपी सरकार ने आजम खान और उनके परिवार के खिलाफ कई मामले दर्ज कराए थे। यह पॉलिटिकल वेंडेटा है या गलत करने की सजा यह तो अदालत में ही तय होगा। आजम पर हाथ डालने का मतलब यह भी हो सकता है कि अब समाजवादी पार्टी के नेता निशाने पर हैं।

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