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आरोप-प्रत्यारोप के दौर में पिसता बेबस मजदूर

👤 Veer Arjun | Updated on:22 May 2020 6:31 AM GMT

आरोप-प्रत्यारोप के दौर में पिसता बेबस मजदूर

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-अनिल नरेन्द्र

लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को वापसी के लिए बसों पर सियासी महाभारत छिड़ गया है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार और कांग्रेस के बीच भयंकर विवाद शुरू हुआ पत्रों का दौर चलता जा रहा है। दुर्भाग्य यह है कि इस विवाद के चलते मजदूर लटके पड़े हैं और बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बसें यूपी की सीमा पर हैं, प्रशासन उन्हें अंदर आने की अनुमति नहीं दे रहा है। वहीं यूपी सरकार ने कहा कि जो सूची कांग्रेस ने 1049 वाहनों की सौंपी थी उसमें ऑटो, एम्बुलैंस, ट्रक और निजी कार के नम्बर हैं। दरअसल कांग्रेस ने 1049 वाहनों की सूची यूपी सरकार को सौंपी थी। इसमें 870 बसें हैं। इसके अलावा 31 नम्बर ऑटो और तिपहिया वाहन के हैं। एक-एक एम्बुलैंस और ट्रक, दो डीसीएम, एक मैजिक, 50 स्कूल बसें, एक निजी कार तथा दो टाटा शामिल हैं। 297 वाहनों के कागजात पूरे नहीं हैं। इनमें 79 वाहनों की फिटनेस और 140 का इंश्योरेंस नहीं है। वहीं 78 वाहनों के फिटनेस और इंश्योरेंस दोनों नहीं हैं। इस पर कांग्रेस ने मौके पर आकर बसें देखने की चुनौती दी। इन सबके बीच बेबस मजदूर या तो पैदल घर जाने को मजबूर हैं या मदद के लिए भटक रहे हैं। प्रियंका ने सीएम योगी आदित्यनाथ को टैग करते हुए ट्वीट किया कि जांच में सही मिलीं हमारी 879 बसें तो चलने दीजिए। भले ही इन पर भजापा का बैनर-पोस्टर लगवा दें।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा-यूपी सरकार ने हद कर दी है। जब राजनीतिक परहेजों को परे करते हुए प्रवासी भाई-बहनों की मदद करने का मौका मिला तो दुनियाभर की बाधाएं सामने रख दीं। एक अन्य ट्वीट में प्रियंका ने कहा कि योगी जी, हमारे सेवाभाव को मत ठुकराइएगा, क्योंकि इस राजनीतिक खिलवाड़ में तीन दिन व्यर्थ हो चुके हैं और इन्हीं तीन दिनों में हमारे देशवासी सड़कों पर चलते हुए दम तोड़ रहे हैं। आपको जल्द 200 बसों की नई सूची उपलब्ध करा देंगे।

उधर डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस केवल व्यवधान लगाना और जनता को गुमराह करना जानती है। यह आपराधिक कृत्य है। सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि राहुल और प्रियंका की कांग्रेस फर्जीवाड़ा पार्टी है। जनशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रियंका वाड्रा ने बस चलाने के नाम पर मजदूरों के साथ भद्दा और कूर मजाक किया है। कांग्रेस की तरफ से पूर्व राज्यसभा सांसद व यूपी के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकार झूठ बोल रही है। सभी बसें हैं। सरकार की पूरी कैबिनेट केवल प्रेस कांफ्रेंस कर रही है जबकि हमसे लिस्ट की गड़बड़ी साझा नहीं की गई। हमें दें और हम उनकी जांच करवा लेते हैं। सरकार बस आरोप-प्रत्यारोप खेल रही है। कांग्रेस प्रवक्ता अ]िखलेश प्रताप सिंह ने भी कहा कि भाजपा बसों को लेकर गलत आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि जो सूची दी गई है सभी बसें हैं। एक बार बसों को खड़ा करने दें सब साफ हो जाएगा कि कौन सही बोल रहा हैं, कौन गलत। इस चिट्ठियों के खेल में बेचारा कामगार पिस रहा है। वह पैदल ही चलने पर मजबूर हैं। रास्ते में अगर कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?

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