Home » संपादकीय » क्या सरकार कोरोना संक्रमित मौतों को छिपा रही है ?

क्या सरकार कोरोना संक्रमित मौतों को छिपा रही है ?

👤 Veer Arjun | Updated on:26 May 2020 7:20 AM GMT

क्या सरकार कोरोना संक्रमित मौतों को छिपा रही है ?

Share Post

-अनिल नरेन्द्र

राजधानी में कोरोना संक्रमित मृतकों की संख्या पर अकसर सवाल उठते रहते हैं। आरोप है कि दिल्ली सरकार मृतकों की सही संख्या नहीं बताती। हालांकि दिल्ली सरकार का दावा है कि वह वुछ भी नहीं छिपा रही जो आंकड़े दे रही है वह सही हैं। राजधानी में कोरोना संक्रमितों व परिणामस्वरूप मृतकों के आंकड़े में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन यह रफ्तार दिल्ली नगर निगम के रिकॉर्ड अनुसार शमशान घाट और कब्रिस्तान में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पहुंचे शव की संख्या काफी धीमी है। उत्तरी दिल्ली और साउथ दिल्ली नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार 21 मईं तक कोरोना संक्रमित 664 शव का अंतिम संस्कार किया गया है। जबकि दिल्ली सरकार के अनुसार शुक्रवार तक 208 ही कोरोना संक्रमितों की मौत हुईं है।

21 मईं तक साउथ दिल्ली नगर निगम के रिकॉर्ड अनुसार पंजाबी बाग वैस्ट जैन में सीएनजी शव दाह गृह में 232 कोरोना संक्रमित और 17 संदिग्ध का अंतिम संस्कार किया गया है। वहीं आईंटीओ स्थित कब्रिस्तान में 76 कोरोना संक्रमितों को दफनाया गया, जिसमें 55 संदिग्ध हैं। वहीं उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 262 संक्रमित और 77 संदिग्धों का कोरोना प्राोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया। इसमें निगम बोध घाट पर ही 200 से ज्यादा शव का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं मंगोलपुरी के कब्रिस्तान पर वुछ कोरोना संक्रमितों को दफनाया गया। दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने इन आंकड़ों का खंडन किया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने शुक्रवार को कहा कि मरने वालों की गिनती में कोईं गलती नहीं हुईं है। आरोप है कि कोरोना संदिग्ध मरीजों की मौत को दिल्ली सरकार कोविड-19 से मरने वालों की गिनती में शामिल नहीं कर रही है।

जैन ने इन आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि सरकार कोईं आंकड़ा नहीं छिपा रही है और न ही विभाग की तरफ से जारी रिपोर्ट में कोईं त्रुटि है। जैन ने कहा कि अगर हमें डेटा छिपाना होता तो हम कोईं डेटा ही नहीं बताते। उधर दिल्ली हाईं कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कोविड- 19 से संक्रमित और इससे मरने वालों की वास्तविक संख्या बताने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में मृतकों का लेखाजोखा रखने वाली समिति (डेथ ऑडिट कमेटी) को रद्द करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया था। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस प्रातीक जालान की बैंच ने याचिका का निस्तांतरण कर दिया और याचिकाकर्ताओं को उचित समय पर फिर से अदालत का रुख करने की छूट दी।

Share it
Top