Home » संपादकीय » 150 देशों से मौलाना साद की होती थी पंडिंग

150 देशों से मौलाना साद की होती थी पंडिंग

👤 Veer Arjun | Updated on:8 July 2020 10:50 AM GMT

150 देशों से मौलाना साद की होती थी पंडिंग

Share Post

-अनिल नरेन्‍द्र

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि टूरिस्ट वीजा पर आकर तबलीगी गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले विदेशी जमातियों ने वीजा मैनुअल और अन्य कानूनों का उल्लंघन किया है। सरकार ने अलग-अलग आदेश जारी कर 2679 विदेशी जमातियों के वीजा रद्द किए हैं और 2765 को ब्लैकलिस्ट किया है। इनके खिलाफ वुल 205 एफआईंआर दर्ज हैं। सरकार ने कहा कि अभी भी कईं विदेशी जमाती लापता हैं। 1905 के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। 227 जमाती लुकआउट नोटिस जारी होने से पहले भारत छोड़ चुके थे। सरकार ने यह भी कहा कि कानून उल्लंघन करने पर विदेशी जमातियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाईं लंबित है और इसके पूरी होने के बाद उन्हें वापस भेजा जाएगा। वहीं दूसरी ओर निजामुद्दीन स्थित तबलीगी मरकज के मुखिया मौलाना मोहम्मद साद की बेनामी सम्पत्ति दिल्ली से लेकर उत्तर प्रादेश तक पैली हुईं है। इस सम्पत्ति को साद ने विदेशी पंडिंग से जुटाया है। प्रावर्तन निदेशालय (ईंडी) और व््राइम ब्रांच की जांच में इसके सुबूत मिले हैं। यही नहीं, जांच एजेंसियों को यह भी पता चला है कि मौलाना साद को करीब 150 देशों से पंडिंग की जा रही थी।

सूत्रों के मुताबिक मरकज मामले के बाद दंगे के आरोपित से भी मौलाना साद के तार जुड़ने पर जांच एजेंसियों ने उनकी पूरी वुंडली खंगाल ली है। इसी कड़ी में ईंडी ने साद के खातों की भी जांच की है। इसमें अब तक करीब 10 साल के दस्तावेजों की जांच की गईं है। जांच के दौरान यह भी पता किया गया है कि साद को कौन-कौन से देशों से पंडिंग की जा रही थी। सूत्रों के मुताबिक अब तक 150 देशों के नागरिकों के नाम सामने आए हैं, जो धार्मिक आयोजन के नाम पर पंडिंग कर रहे थे। यही वजह है कि साद ने वुछ ही वर्षो में अवूत सम्पत्ति अर्जित कर ली। साद द्वारा जांच एजेंसियों के सवालों के आधे-अधूरे जवाब दिए गए थे। इस पर जांच एजेंसियों ने अपने स्तर पर उसकी पूरी वुंडली खंगालने की योजना बनाईं। इसके बाद उससे तमाम लोगों से पूछताछ करने के साथ ही बैंक खातों का पता लगाकर दस्तावेजों को खंगाला गया। जांच एजेंसियों को अब गृह मंत्रालय से उसकी गिरफ्तारी के लिए हरी झंडी मिलने का इंतजार है। गिरफ्तारी के बाद उक्त सम्पत्तियों को जब्त करने की प्रक्र‍िया शुरू की जाएगी। गृह मंत्रालय की सख्त हिदायत की वजह से ही जांच एजेंसियां मौलाना साद से जुड़े हर मामले में गोपनीयता बरत रही हैं।

Share it
Top