बौखलाया पाकिस्तान भी नेपाल के नक्शेकदम पर
-अनिल नरेन्द्र
नेपाल और भारत के बीच सीमा विवाद होने के बाद जिस तरह नेपाल सरकार ने बिना बातचीत कर अपने देश का नक्शा जारी कर विवादित क्षेत्रों को अपना बता डाला। पाकिस्तान ने भी अब उससे सीखना शुरू कर दिया है। कश्मीर पर बाजी पूरी तरह से हाथ से निकलने से बौखलाए पाकिस्तान न एक और हरकत की है। मंगलवार को पीएम इमरान खान की वैबिनेट ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया है। इस नक्शे में न सिर्प समूचे जम्मूकश्मीर, लेह-लद्दाख को पाकिस्तान का हिस्सा बताया गया है, बल्कि गुजरात के जूनागढ़ और सर व््रीक लाइन को भी पाकिस्तान में शामिल कर दिखाया गया है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के भारत के पैसले की पहली वर्षगांठ पर यह नक्शा जारी किया गया है। जानकार बताते हैं कि इसके पीछे इमरान खान का मुख्य उद्देश्य घरेलू राजनीति में कश्मीर के जरिये अपनी उपयोगिता बनाए रखना है। पाकिस्तान ने नए मैप में जहां भारतीय क्षेत्रों पर अपना दावा ठोका है, वहीं जिन हिस्सों को लेकर चीन और भारत के बीच विवाद चल रहा है, उन्हें 'अनडिफाइंड प्रांटियर' करार दिया है।
रिपोट्र्स के मुताबिक अब पाकिस्तान यह नक्शा संयुक्त राष्ट्र के सामने पेश करने की तैयारी में है। एक दिन पहले नियंत्रण रेखा पर शाह और देश के रक्षामंत्री पहुंचे थे और उन्होंने कहा था कि कश्मीर के लोगों को आजादी का हक देने के बाद ही सरकार ने खुद ही पूरे के पूरे कश्मीर पर ही अपना दावा ठोक दिया है। गौरतलब है कि भारत के साथ सीमा विवाद के बाद नेपाल ने भी ऐसा ही किया था। लिपुलेख, कालापानी और लिपियाधुरा को अपना बताते हुए नेपाल सरकार ने अपने देश का नया नक्शा जारी कर दिया। भारत ने इन नाटक को उतनी ही तवज्जों दी है, जितनी जरूरत है। विदेश मंत्रालय ने कहा—हमने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की तरफ से जारी तथाकथित राजनीतिक नक्शा देखा है। यह राजनीतिक मूर्खता का एक ऐसा कवच है जिसमें गुजरात, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर दावा पेश किया गया है। इस हास्यास्पद दावे का न तो कोईं कानूनी आधार है और न ही अंतर्राष्ट्रीय विश्वसनीयता। असल में यह कोशिश दूसरों की जमीन हड़पने के पाकिस्तान के रवैये को बताती है। इसके लिए वह सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करता है। यह इतना बेहूदा दावा है कि इस पर भारत को कमेंट करना गैर-जरूरी है।