कोरोना संक्रमण थमता नजर नहीं आ रहा
-अनिल नरेन्द्र
तमाम उपायों, सावधानियों और सख्ती के बावजूद कोरोना संक्रमण के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। भारत में कोरोना चरम पर है और रोज लगभग 60,000 मरीज सामने आ रहे हैं। सोमवार को भारत में कोविड-19 के 62,064 नए मामले सामने आए और इस प्राकार देश में संव््रामितों की वुल संख्या 22 लाख के आंकड़े को पार कर गईं है।
वहीं ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 15.35 लाख से अधिक हो गईं है। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस संव््रामण से 1007 और मरीजों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 44,386 हो गईं है। उसने कहा कि वर्तमान में 6,34,945 मरीज उपचाराधीन हैं। बेहतर एम्बुलेंस सेवाओं, देखभाल के मानकों पर ध्यान वेंद्रित करने से वांछित परिणाम मिले हैं। पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड 54,859 लोग ठीक हुए हैं। देश में मरीजों के ठीक होने की दर लगभग 70 प्रातिशत हो गईं है। यह सब तो ठीक है पर जिस रफ्तार से भारत में कोरोना संव््रामितों की संख्या रोजाना आ रही है उससे तो हम दुनिया में नम्बर वन देश न बन जाएं? इसमें कोईं दो राय नहीं हो सकती कि संव््रामण तेजी से देश में पांव पसार रहा है। मौत के आंकड़े भी उसी हिसाब से बढ़ रहे हैं। ज्यादा चिन्ता की बात है कि अब यह विषाणु उन लोगों को अपना शिकार बना रहा है, जो ज्यादा सचेत और दिशानिर्देशों का पालन करते हैं। हमने कईं ऐसे केसों के बारे में सुना है जो हर तरह का एहतियात बरत रहे हैं, घर से बाहर नहीं निकल रहे उनको भी यह मनहूस कोरोना हो गया है। कोरोना में कोईं-सा भी 100 प्रातिशत बचने का फार्मूला नहीं हो सकता। आप बेशक घर बैठे हैं पर आपने कोईं सामान बाहर से मंगाया बस हो गया आपका काम।
अब तो राजनेता भी इसकी चपेट में आ गए हैं। उत्तर प्रादेश की एक वैबिनेट मंत्री समेत कईं और मंत्रियों, नेताओं के संव््रामित होने से मौत की दहशत और तेज हो गईं है। चूंकि मामले बढ़ते ही जा रहे हैं, लिहाजा सिर्प यह कह देने से चिन्ताएं दूर नहीं होंगी कि टेस्ट ज्यादा होने से मामले बढ़ रहे हैं। यह भी देखना जरूरी है कि क्या हम सरकार के उन नियमों और निर्देशों का पालन अनुशासित होकर कर भी रहे हैं, जिनसे कोरोना के संव््रामण को रोका जा सके। आजकल रोज हम अखबारों में पढ़ रहे हैं कि पुलिस बिना मास्क वालों का चालान काट रही है। सोचते-समझते हुए भी लोग बिना मास्क के घूमते नजर आते हैं। कईं जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो रहा है। बेशक कोरोना से लड़ने के लिए कारगर प्राबंध किए जा रहे हैं, अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं पर जब तक जनता सख्ती से कोरोना के निर्देशों का पालन नहीं करती तब तक संव््रामण का यह सिलसिला थमने वाला नहीं। सरकार अपनी तरफ से सब वुछ कर रही है पर जब तक दिशानिर्देशों का पालन नहीं करेंगे यह थमने वाला नहीं है।