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विदेश मंत्रालय में जासूसी का जाल फैलाने में जुटा था

👤 Veer Arjun | Updated on:3 Sep 2020 4:49 AM GMT

विदेश मंत्रालय में जासूसी का जाल फैलाने में जुटा था

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-अनिल नरेन्द्र

जम्मू-कश्मीर पुलिस से निलंबित उपाधिक्षक देवेन्द्र सिंह को उसके पाकिस्तानी आका ने जासूसी गतिविधियों के लिए विदेश मंत्रालय में संपर्क स्थापित करने का काम सौंपा था। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन को मदद मुहैया कराने पर एनआईंए ने देवेन्द्र सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। जम्मू की विशेष अदालत के समक्ष दाखिल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईंए) के आरोप पत्र के अनुसार सिंह पाकिस्तानी उच्चायोग में अपने आका के संपर्व में था, जिसे बाद में इस्लामाबाद भेज दिया गया। सिंह जम्मू-कश्मीर पुलिस की एंटीहाइजैकिग यूनिट में तैनात था। जम्मू की अदालत में दाखिल आरोप पत्र में देवेन्द्र सिंह के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून और भारतीय दंड सहिता की विभिन्न धाराओं के तहत 3064 पन्ने का आरोप पत्र दाखिल किया गया है। इसमें आतंकवादी संगठन की आतंकवादी को पनाह देने में पुलिस अधिकारी की संलिप्तता का ब्यौरा रखा गया है।

आरोप पत्र में कहा गया है कि उसने पाकिस्तान उच्चायोग में अपने संपर्व का नम्बर पाक भाईं से सेव करके रखा था। उसका सम्पर्व उसे बलों में तैनाती और कश्मीर घाटी में अति विशिष्ट लोगों के आगमन सहित अन्य कामों की जिम्मेदारी देता था। हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के बाद सिंह को उसके पाकिस्तानी आका ने विदेश मंत्रालय में संपर्व स्थापित करने को कहा ताकि वहां पर जासूसी गतिविधियों को अंजाम दे सके। एनआईंए के अधिकारी ने बताया कि हालांकि सिंह को पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों के नापाक मंसूबे को पूरा करने में कामयाबी नहीं मिली। जुलाईं के पहले सप्ताह में दाखिल आरोप पत्र में सिंह और अन्य पर पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों और दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायोग के सदस्यों की मदद से भारत के खिलाफ युद्ध छोड़ने का आरोप लगाया गया है। सिंह के अलावा आरोप पत्र में हिजबुल मुजाहिद्दीन के स्वयं-भू कमांडर सैयद नवीद मुश्ताक उर्प नवीद बाबू, उसके भाईं सैयद इरफान अहमद के साथ ही समूह के कार्यंकर्ता इरफान, शफी मीर, कथित सहयोगी रफी अहमद राठौर और लाइन ऑफ वंट्रोल ट्रेडर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कारोबारी तनवीर अहमद वानी का नाम शामिल है।

साजिश का विवरण देते हुए एनआईंए ने आरोप लगाया है कि पुलिस उपाधिक्षक देवेन्द्र सिंह सुरक्षित सोशल मीडिया मंच के जरिए नईं दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के वुछ अधिकारियांे के साथ संपर्व में था। जांच से पता चला कि संवेदनशील सूचनाएं हासिल करने के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसे तैयार किया। मामलों की जांच में सामने आया कि पाकिस्तान प्रतिष्ठान हिजुबल की आतंकी गतिविधियों को बनाए रखने के संबंध में वित्तपोषण, हथियार देने आदि को लेकर सभी मुमकिन तरीके अपना रहा था। सिंह को नवीद बाबू, राठौर और मीर के साथ इस साल 11 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। वर्दी में ऐसे देश के गद्दार को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।

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