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मंत्री अजय मिश्रा पर जल्द कोईं फैसला लेना होगा

👤 Veer Arjun | Updated on:17 Oct 2021 6:20 AM GMT

मंत्री अजय मिश्रा पर जल्द कोईं फैसला लेना होगा

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-अनिल नरेन्द्र

लखीमपुर खीरी में वेंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गाड़ी से किसानों को कुचले जाने का मामला आपराधिक के साथ-साथ राजनीतिक मुद्दा बन गया है। महाराष्ट्र में सरकार प्रायोजित बंद और विपक्ष का देशभर में प्रादर्शन और कांग्रोस प्रातिनिधिमंडल का राष्ट्रपति से मिलना यह सब बता रहे हैं कि यह मुद्दा सुलगता जा रहा है। समझौता हो जाने के बावजूद किसान भी अब मिश्रा के इस्तीपे पर अड़ गए हैं। ऐसे में जनता में बन रही धारणा के मद्देनजर पाटा को मिश्रा पर जल्द कोईं पैसला लेना पड़ सकता है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का पहले मानना था कि यदि मंत्री- पुत्र आशीष वह एसयूवी नहीं चला रहा था, जिससे किसानों को कुचला गया था, तो उसके खिलाफ कोईं संगीन मामला (आपराधिक) नहीं बनेगा। लेकिन मौका-ए-वारदात पर उसकी मौजूदगी के सुबूतों से स्थिति बदल रही है। हालांकि पूर्व डीजीपी डॉ. एनसी अस्थाना का कहना है कि यदि आशीष उस गाड़ी में मौजूद भी था, तो यह हत्या या गैर- इरादतन हत्या का मामला नहीं बनता। लेकिन आशीष का दंगल में मौजूदगी का दावा तो अब तक जांच में गलत साबित हो रहा है। ऐसे में आपराधिक साजिश के आरोप से यह शायद ही बच पाए। चूंकि मामले को विपक्षी दलों ने इतना अधिक तूल दे दिया है और सुप्रीम कोर्ट ने भी इसका स्वत: संज्ञान लेकर सख्त टिप्पणियां की हैं, इसलिए भाजपा को हमारी राय में कोईं न कोईं कदम तो उठाना ही पड़ेगा। अवकाश के बाद होने वाली सुनवाईं में सुप्रीम कोर्ट कोईं निर्णय ले लेता है तो पाटा के लिए मुश्किलें ही बढ़ेंगी। अभी तक भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से सीएम योगी आदित्यनाथ तक सभी भाजपा नेता कानून अपना काम कर रहा है और भाजपा पुलिस पर कोईं दबाव नहीं डाल रही है जैसे बयान दे रहे थे।

यहां प्रादेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिह के बयान से पाटा के रुख में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने कहा है—हम कार से लोगों को वुचलने के लिए तो राजनीति में नहीं आए हैं। माना जा रहा है कि चार महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव और अदालत के कड़े रुख के चलते जनता में बनने वाली धारणा के मद्देनजर पाटा को कोईं सख्त पैसला लेना पड़ सकता है। यदि अजय मिश्रा इस्तीफा देते भी हैं तो उनके स्थान पर किसी अन्य ब्राrाण नेता को वेंद्रीय मंत्रिपरिषद में जगह दी जा सकती है। उधर कांग्रोस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पाटा के एक प्रातिनिधिमंडल ने लखीमपुर खीरी हिसा के मामले में बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविद से मुलाकात की और उनसे आग्राह किया कि वेंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पद से अजय मिश्रा टोनी को बर्खास्त किया जाए ताकि निष्पक्ष जांच हो सके और पीिड़त परिवारों को न्याय मिल सके। पाटा ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के दो वर्तमान न्यायाधीशों का आयोग गठित किया जाए तथा राष्ट्रपति इस बारे में सरकार को निर्देश दें। राहुल गांधी ने मुलाकात के बाद कहा—जिन परिवारों के सदस्यों को वुचला गया था, उन्होंने बताया कि वह न्याय चाहते हैं। वो चाहते हैं कि जिस व्यक्ति ने यह हत्या की है उसे सजा मिले। उन्होंने यह भी कहा कि जिस व्यक्ति ने हत्या की है उसके पिता देश के गृह राज्यमंत्री हैं और जब तक वह व्यक्ति मंत्री है तब तक सही जांच नहीं हो सकती।

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