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परिजनों को वैवाहिक विवादों में जबरन फंसाया जा रहा है

👤 Veer Arjun | Updated on:30 Dec 2021 5:32 AM GMT

परिजनों को वैवाहिक विवादों में जबरन फंसाया जा रहा है

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—अनिल नरेन्द्र

उच्चतम न्यायालय ने दहेज उत्पीड़न के मामले में एक पुरुष और एक महिला के खिलाफ आपराधिक मुकदमा यह कहते हुए रद्द कर दिया कि प्राथमिकी में बेढंगे आरोपों के जरिये पति के परिजनों को वैवाहिक विवादों में आरोपी बनाया जा रहा है। न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें दहेज हत्या मामले में पीड़ि‍ता के देवर और सास को आत्मसमर्पण करने और जमानत के लिए अर्जी दायर करने का निर्देश दिया था। पीठ ने कहा, बड़ी संख्या में परिवार के सदस्यों के नाम बेढंगे संदर्भ के जरिये प्राथमिकी में दर्ज किए गए हैं, जबकि प्रदत्त विषयवस्तु उनकी सव्रिय भागीदारी का खुलासा नहीं करती है।

इसलिए उनके खिलाफ मामले का संज्ञान लेना उचित नहीं था। यह भी कहा गया है कि इस तरह के मामलों में संज्ञान लेने से न्यायिक प्रव्रिया का दुरुपयोग होता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि मृतका के पिता द्वारा दर्ज की गईं शिकायत का अवलोकन करने से आरोपी की संलिप्तता का खुलासा करने वाले किसी विशेष आरोप का संकेत नहीं मिलता है। पीठ ने हाल ही में एक आदेश में कहा है कि इस अदालत ने बार-बार पति के परिवार के सदस्यों को वैवाहिक विवादों में बेढंगे संदर्भो के जरिये आरोपी बनाने पर ध्यान दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि चोट लगने के आरोप तो दर्ज किए गए हैं, लेकिन पोस्टमार्टम प्रमाण-पत्र में सिवाय गर्दन के चारों ओर मृत्यु-पूर्व चोट के निशान और दम घुटने के कारण मौत के अलावा कोईं अन्य बाहरी चोट के प्रमाण नहीं है। पीठ ने कहा, अपीलकर्ताओं के मामले और रिकार्ड में रखी गईं सामग्री के संबंध में, हमारा विचार है कि अपीलकर्ताओं के खिलाफ अस्पष्ट और बेतुके आरोपों को छोड़कर, कोईं विशेष आरोप नहीं है जो कथित अपराधों के लिए उन पर मुकदमा चलाने के लिए अपीलकर्ताओं की संलिप्तता का खुलासा करते हैं।

मृतका के पिता ने 25 जुलाईं 2018 को गोरखपुर के कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराईं थी कि उसकी छोटी बेटी का पति, देवर, ननद और सास दहेज के तौर पर चार पहिया वाहन और नकद 10 लाख रुपए की लगातार मांग कर रहे थे। यह भी आरोप है कि मांगें पूरी नहीं होने पर वे उसकी बेटी को पीटते थे और जान से मारने की धमकी देते थे। शिकायत में आगे कहा गया था कि 24 जुलाईं 2018 को रात करीब आठ बजे आरोपियों ने साझा मंशा से उनकी बेटी को पीटा, उसके गले में पंदा डालकर उसकी हत्या कर दी और फिर लटका दिया।

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