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48 घंटे में तीसरे मंत्री का इस्तीफा, पहले से तय थी पटकथा

👤 Veer Arjun | Updated on:16 Jan 2022 4:58 AM GMT

48 घंटे में तीसरे मंत्री का इस्तीफा, पहले से तय थी पटकथा

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—अनिल नरेन्द्र

भाजपा को तीसरे दिन एक और झटका लगा, जब बृहस्पतिवार को आयुष राज्यमंत्री धर्म सिह सैनी ने भी योगी सरकार व पाटा से इस्तीफा दे दिया। स्वामी प्रासाद मौर्यं व दारा सिह चौहान के बाद सैनी 48 घंटे में पद छोड़ने वाले तीसरे मंत्री थे। दो और विधायकों—बाला प्रासाद अवस्थी व मुकेश वर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया है। अब तक वुल 14 विधायक भाजपा का साथ छोड़ चुके हैं। इस्तीफा देने वालों में सैनी पहले मंत्री रहे, जिन्होंने सरकारी आवास, सुरक्षा व गाड़ी भी छोड़ दी। पद छोड़ने के बाद सैनी पहले दोनों मंत्रियों की तरह सपा दफ्तर पहुंचे। एक घंटे जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। सैनी के इस्तीपे की भाषा व सपा में उनके स्वागत व अखिलेश का ट्वीट वैसा ही है, जैसा मौर्यं व चौहान का था। सैनी ने बाद में दावा किया कि जल्द दो और मंत्रियों समेत 10 विधायक इस्तीफा देंगे। कहा—सभी अखिलेश के नेतृत्व में सरकार बनाएंगे। भाजपा छोड़ने वाले विधायक बाला प्रासाद अवस्थी व मुकेश वर्मा ने भी उपेक्षा का आरोप लगाया। बता दें कि अवस्थी पांच बार के विधायक हैं। भाजपा से बीते तीन दिनों से जारी मंत्रियों-विधायकों का पलायन पूर्व नियोजित लगता है। करीब एक महीना पहले स्वामी प्रासाद मौर्यं ने भाजपा के लिए सत्ता की चाबी साबित हुए गैर-यादव ओबीसी वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए भगदड़ की पटकथा लिखी थी। यही कारण है कि पाटा छोड़ने वाले करीब-करीब सभी मंत्री व विधायक न सिर्प गैर- यादव ओबीसी वर्ग के हैं, बल्कि इनके इस्तीपे की भाषा भी एक जैसी है।

खास बात यह है कि भाजपा नेतृत्व को इस पलायन की जानकारी थी। बीते महीने इन नेताओं से सम्पर्व साधा भी गया था। शुरुआती मानमनोव्वल के बाद प्रादेश इकाईं ने वेंद्रीय नेतृत्व को सब ठीक हो जाने का संदेश दिया था। हालांकि शुरुआती बातचीत के बाद इन नेताओं की गतिविधियों पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद अब एकाएक इस्तीफों के ऐलान के कारण पाटा असहज स्थिति में है। भाजपा में इस्तीफा देने वाले सभी नेता सपा में जा रहे हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव की निगाहें गैर-यादव ओबीसी और ब्राrाण मतदाताओं पर है। गैर-यादव ओबीसी को साधने के लिए जहां अखिलेश इसी वर्ग के भाजपा नेताओं को हाथोंहाथ ले रहे हैं, वहीं ब्राrाण मतदाता को रिझाने के लिए सीएम योगी पर अपनी जाति को प्राश्रय देने और ब्राrाणों की उपेक्षा करने का आरोप लगा रहे हैं। अखिलेश की योजना इस बार बीते चुनाव में भाजपा की तरह गैर- यादव ओबीसी और ब्राrाणों को अधिक संख्या में टिकट देने की है। स्वामी प्रासाद मौर्यं ने ट्वीट करके कहा—नागरूपी आरएसएस और सांपरूपी भाजपा को स्वामी नेवला यूपी में खत्म करके ही दम लेगा। उधर भाजपा के प्रादेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिह ने कहा कि जिन्हें डबल इंजन की ट्रेन में टिकट नहीं मिल रहा, उन्हें डग्गामार वाहन की ब्लैक में टिकट दे रहे हैं टीपू सुल्तान।

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