आम आदमी को राहत
केन्द्र सरकार ने अपनी आठवीं वर्षगांठ से चार दिन पहले ही महंगाईं को कम करने के लिए पेट्रोल पर आठ रुपए एक्साइज ड्यूटी और डीजल पर छह रुपए प्राति लीटर एक्साइज ड्यूटी कम करके उपभोक्ताओं को पेट्रोल में कुल 9.50 रुपए और डीजल में 7.00 रुपए की राहत दी है।
केन्द्र ने एलपीजी की कीमतों में भी कमी की है। सरकार के इस प्रायास से जो राहत मिलेगी वह ज्यादा हो सकती है यदि राज्य सरकारें भी अपने वैट में कमी करें।
पिछले दिनों जब प्राधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक में कहा कि केन्द्र ने एक्साइज ड्यूटी में कमी करके उपभोक्ताओं को राहत दी किन्तु सभी राज्यों से अनुरोध के बाद भी वैट कम नहीं किया गया।
उल्लेखनीय है कि पिछली बार जब केन्द्र सरकार ने एक्साइज कम करके राज्यों से वैट कम करने का अनुरोध किया था तो सिर्प ओडिशा और भाजपा शासित राज्यों ने ही वैट में कमी की थी। कांग्रोस शासित राज्यों—पश्चिम बंगाल एवं वुछ अन्य गैर-भाजपा शासित राज्यों में वैट नहीं हटा। बाद में जब मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्राधानमंत्री ने इस बात को लेकर नाराजगी व्यक्त की तो महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों ने नाराजगी व्यक्त की।
सवाल यह है कि आखिर जब जीएसटी सभी वस्तुओं पर लगती है तो क्यों न पेट्रोलियम उत्पादों पर भी लगे। सभी राज्यों को समान रूप से उपभोक्ताओं पर टैक्स थोपने का अधिकार हो। सभी राज्य अपने-अपने अनुसार वैट लगाते हैं, इससे पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें सभी राज्यों में अलग-अलग होती हैं। बहरहाल केन्द्र सरकार के इस एक्साइज कटौती से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।