पेलोसी के प्लेन को हवा में उड़ा देंगे
—अनिल नरेन्द्र
चीन की दादागिरी दिन-प्रातिदिन बढ़ती जा रही है। उसके आक्रमक रुख को अब दुनिया देख रही है। भारत तो इसका आदी हो चुका है। कश्मीर में उसकी आक्रमकता बढ़ती ही जा रही है। अब अमेरिका सहित शेष दुनिया भी देखे। अमेरिकी प्रातिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान की यात्रा को लेकर तमतमाया चीन अब कोरी धमकियों पर उतर आया है और हमले की ताक में है। उसने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को चेताया कि यदि पेलोसी ताइवान गईं तो उनका प्लेन हवा में उड़ा दिया जाएगा। देर रात चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन को फोन पर चेताया कि अमेरिका आग से न खेले। लगभग सवा घंटे की कॉल के बारे में अमेरिका ने फिलहाल कोईं बयान जारी नहीं किया है। चीन के इस रवैये को देखकर ताइवान ने बचाव में हान वुआंग नामक बड़ा वॉरगेम छेड़ा है। यूव््रोन के हमले के बाद से ही चीन के ताइवान पर आव््रामण की आशंकाएं तेज हो गईं हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले माह बयान दिया है कि ताइवान पर कब्जे के लिए वह सैन्य हमले से परहेज नहीं करेगा।
ताइवान ने चीनी हमले की आशंकाओं के चलते देश में प्रातिदिन 30 मिनट के एयर रेड ड्रिल शुरू की है। चीन हमला क्यों करना चाहता है? ताइवान को चीन 1949 से ही अपना हिस्सा मानता है। जबकि ताइवान खुद को स्वतंत्र देश मानता है। ताइवान की लोकतांत्रिक सरकार चीन के कम्युनिस्ट एजेंडे का विरोध करती है। चीन से 160 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ताइवान अमेरिका समर्थक है। ताइवान में सैन्य तैनाती से अमेरिका को प्राशांत महासागर में चीन से बढ़त मिलती है। औपचारिक रूप से अमेरिका, चीन को मान्यता देता है और अनौपचारिक रूप से ताइवान को। अमेरिका कह चुका है कि हमले की स्थिति में वह खुद शामिल नहीं होगा, बस ताइवान को सपोर्ट करेगा।