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मारा गया आतंकी आका

👤 mukesh | Updated on:3 Aug 2022 5:34 AM GMT

मारा गया आतंकी आका

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दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन अलकायदा के सरगना अल जवाहिरी को मारकर अमेरिका ने 21 साल बाद 9/11 का बदला पूरा कर लिया। इसके पहले 2001 को न्यूयार्व के वल्र्ड ट्रेड सेंटर को ध्वस्त करने की साजिश रचने वाले ओसामा बिन लादेन को 2 मईं 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में मार दिया था। इस तरह ओसामा और अल जवाहिरी दोनों का सफाया कर अमेरिका ने यह साबित कर दिया कि उसकी सुरक्षा के लिए कोईं चुनौती पेश करता है तो वह उसे छोड़ने वाला नहीं है।

असल में अल जवाहिरी पर निशाना तो अमेरिका ने कईं बार लगाया था किन्तु वह पहले तो अफगानिस्तान के तोराबोरा की पहािड़यों में छिप गया था फिर 2006 में अमेरिका ने उसे मारने के लिए कोशिश की किन्तु वह पाकिस्तान में छिप गया। 15 अगस्त 2021 को एक समझौते के तहत जैसे ही तालिबान लड़ाकों ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया ठीक उसके बाद पीछे-पीछे अलकायदा भी वापस आ गया। तालिबान ने अमेरिका को वचन दे रखा था कि वह अलकायदा को मदद और संरक्षण नहीं देगा किन्तु तालिबानियों ने अलकायदा को बुलाकर अमेरिका के साथ समझौते को तोड़ दिया था।

अमेरिका घात लगाए बैठा था और जब खुफिया सूत्रों ने अमेरिकी राष्ट्रपति तक यह सूचना पहुंचा दी कि काबुल स्थित अल जवाहिरी अफगानिस्तान के गृहमंत्री के आवास पर छिपा बैठा है तो उसको ड्रोन से उड़ाने की रणनीति बनी। इसी रणनीति के तहत मंगलवार को सुबह 6.30 बजे अल जवाहिरी जैसे घर के खिड़की के सामने आया ड्रोन ने उसे उड़ा दिया। हजारों लोगों के हत्यारे को मारकर अमेरिका खुश तो बहुत होगा किन्तु उसे वर्षो तक अफगानिस्तान में अपने सैनिकों के मारे जाने और अरबों डालर अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान पर खर्च करने का अफसोस भी है। यही कारण है कि अमेरिका अब पाकिस्तान की कोईं परवाह नहीं करता क्योंकि वह इस बात को मानकर चलता है कि आतंकवाद के मुद्दे पर इस्लामाबाद कभी भी एक सीमा से ज्यादा उसकी मदद नहीं करेगा। अमेरिका अब सिर्प और सिर्प अपनी सुरक्षा के लिए खतरा बने आतंकियों को निशाना बनाने के लिए अपनी खुफिया एजेंसियों और उन देशों से संपर्व में रहता है जिससे उसने खुफिया सूचना के आदान-प्रादान का समझौता कर रखा है।

लब्बोलुआब अब यह है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने लगभग सात दशक के बाद भी तमाम अभिसमयों एवं अधिवेशनों में पारित प्रास्तावों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया और आतंकवाद की परिभाषा तय नहीं की। सभी देश आतंक और आतंकवादियों की परिभाषा अपने- अपने देश की वूटनीतिक अपेक्षाओं के मुताबिक तय करते हैं। यही कारण है कि आतंकियों को मारने के लिए अब सीधी कार्रवाईं सबसे सुचारू तरीका हो गया है। अमेरिका ने आतंक के आका अल जवाहिरी को मारकर अपना बदला लिया। (एसपी)

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