तीसरी ताकत बनने की कोशिश में केजरीवाल
—अनिल नरेन्द्र
2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए और यूपीए के बीच केजरीवाल तीसरी ताकत बनने की तैयारी में हैं। वुछ लोगों का तो मानना है कि वह 2024 में मोदी का विकल्प भी बनना चाहते हैं। उनकी पाटा के लोग तो खुलेआम यह प्राचार कर रहे हैं कि अगले लोकसभा चुनाव में केजरीवाल मोदी को सीधी टक्कर देंगे। इसके लिए आम आदमी पाटा (आप) विस्तार करने में जुट गईं है। पंजाब में जीत ने आप को नईं ऊर्जा दी है। गोवा में मिली दो विधानसभा सीटें और सूरत नगर निगम जैसे चुनावों में मिली सफलता ने आप के उत्साह को बढ़ावा दिया है। भाजपा के एजेंडे का जवाब केजरीवाल अपने तरीके से दे रहे हैं। मुफ्त शिक्षा, मुफ्त स्वास्थ्य की वकालत के साथ दिल्ली में पांच सौ तिरंगे लगाकर, देशभक्ति पाठ्यव््राम और हर हाथ तिरंगा कार्यंक्रम के जरिये वह अपनी राष्ट्रीय पहचान बनाने का प्रायास कर रहे हैं।
10 वर्ष के सफर में आप ने कईं उतार-चढ़ाव देखे हैं। अपनी गलतियों से सबक लेकर आप राष्ट्रीय स्तर की पाटा बनने की कोशिश में है। 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में आप को 28 सीटें मिली थीं। पाटा बनाने के मात्र एक साल के अंदर आप ने दिल्ली में कांग्रोस के साथ मिलकर सरकार बनाईं। यह सरकार मात्र 49 दिन चली लेकिन आम आदमी पाटा को दिल्ली में स्थापित कर गईं। इसके बाद आप ने सीधे राष्ट्रीय स्तर पर मोर्चा गईं। तब नरेंद्र मोदी के सामने बनारस से केजरीवाल उतरे लेकिन आप सिर्प पंजाब में ही चार लोकसभा सीटों पर जीती। 2017 के पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव में आशातीत सफलता नहीं मिलने से आप ने दिल्ली पर फोकस किया। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले आप ने जमकर वेंद्र और मोदी सरकार पर निशाना लगाया, लेकिन भाजपा के दोबारा चुनाव जीतने के बाद सीधे टकराव से दूरी बनाईं। 2019 के लोकसभा चुनाव में मात्र एक सीट मिलने के बाद आप राज्यों में संगठन मजबूत करने में जुट गईं। पंजाब में राघव चड्ढा को प्राभारी बनाया गया। यहां आप की सरकार बन गईं।
गोवा में भी दो विधानसभा सीट मिलने के बाद आप को राज्य स्तरीय पाटा का दर्जा मिला। सूरत के नगर निगम चुनाव में जीत ने हौसला बुलंद किया और पाटा गुजरात और हिमाचल चुनाव की तैयारी में जुट गईं।
अभी 2024 लोकसभा चुनाव में समय है। वेंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ बेरोजगारी, महंगाईं बड़े मुद्दे बनते जा रहे हैं। बिहार में भाजपा की हार से भी पाटा की छवि प्राभावित हुईं है। देखें, आगे-आगे क्या होता है?