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कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा

👤 Veer Arjun | Updated on:30 Aug 2022 7:59 AM GMT

कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा

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—अनिल नरेन्द्र

भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियां पूरी हो गईं हैं। कांग्रोस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सात सितम्बर को कन्याकुमारी से यात्रा की शुरुआत करेंगे। पार्टी ने भारत जोड़ो यात्रा से संबंधित लोगो, टैगलाइन, वेबसाइट और पुस्तिका भी जारी कर दी है। यह यात्रा 12 राज्यों और दो वेंद्रीय शासित प्रादेशों से होते हुए करीब पांच माह में कन्यावुमारी से कश्मीर तक का सफर तय करेगी। कांग्रोस महासचिव दिग्विजय सिह व जयराम रमेश ने बीते मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश में आर्थिक विषमताओं, सामाजिक ध्रुवीकरण एवं राजनीतिक विभाजन के मद्देनजर यह यात्रा आवश्यक है। यह यात्रा देशहित में है। हम इस यात्रा को दलगत नहीं बनाना चाहते हैं। इसलिए यात्रा में कांग्रोस के बजाय तिरंगा झंडा होगा। दिग्विजय ने कहा—3570 किलोमीटर लंबी इस यात्रा की टैगलाइन मिले कदम, जुड़े वतन होगी। 100 यात्री शुरू से आखिर तक पद्यात्रा करेंगे। यह सवाल किए जाने पर कि क्या राहुल गांधी पूरी यात्रा में हिस्सा लेंगे? जयराम ने कहा कि सात सितम्बर की शुरुआत के वक्त राहुल गांधी मौजूद रहेंगे। बाकी जानकारी बाद में दी जाएगी।

दिग्विजय ने कहा कि इस देश में नफरत का माहौल बना हुआ है, व्यवस्था भारतीय संविधान के विपरीत काम कर रही है। महंगाईं-बेरोजगारी बढ़ रही है—आर्थिक-सामाजिक दूरियां बढ़ती जा रही हैं, धार्मिक उन्माद पैलाया जा रहा है। नफरत पैलाईं जा रही है, एक-दूसरे की आस्था पर प्राश्नचिन्ह लगाया जा रहा है। ऐसे माहौल में भारत जोड़ो यात्रा देश के लिए आवश्यक है। वुछ लोगों का कहना है कि कांग्रोस की नजर 2024 के लोकसभा चुनाव पर है। भारत जोड़ो यात्रा को पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले बड़े जनसम्पर्व अभियान के तौर पर देख रही है। यात्रा का मार्ग भी चुनाव को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है। पार्टी को उत्तर के मुकाबले चुनाव में दक्षिणी राज्यों से ज्यादा उम्मीद है। यात्रा में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रादेश और तेलंगाना शामिल हैं। भारत जोड़ो यात्रा का सबसे ज्यादा वक्त दक्षिणी राज्यों में गुजरेगा। पूरी यात्रा के दौरान वुल 22 महत्वपूर्ण स्थान चुने गए हैं, इनमें से नौ स्थान दक्षिण में हैं। इसके साथ मध्य प्रादेश और राजस्थान में भी यात्रा काफी लंबा सफर तय करेगी।

मध्य प्रादेश, राजस्थान व कर्नाटक में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव हैं। हालांकि यह यात्रा गुजरात और हिमाचल से होकर नहीं गुजरेगी। दक्षिण भारत खासकर तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रादेश और तेलंगाना में लोकसभा की 129 सीटें हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रोस इनमें से सिर्प 28 सीटें जीत सकी थी जबकि भाजपा 29 सीटें जीतने में सफल रही। भाजपा ने अकेले कर्नाटक में 25 सीटें जीती थीं। ऐसे में कर्नाटक में यात्रा पार्टी के लिए अहम है। वैसे भी इस यात्रा से कांग्रोस को मजबूत होने की उम्मीद है। अगर कार्यंकर्ताओं ने बढ़चढ़ कर साथ दिया तो निाित रूप से यह पार्टी के लिए एक बूस्टर डोज होगी। इससे राहुल गांधी को भी निजी फायदा हो सकता है।

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