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चिकित्सा विधि में योग को शामिल करें डाक्टर

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:25 April 2019 2:53 PM GMT
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तारीफ शर्मा

रोहतक । भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव की वजह से पूरा जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। यही वजह है कि आज अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। तनाव की वजह से अनेक रोग जन्म ले रहे हैं जबकि आधुनिक चिकित्सा में तनाव का मुक्कमल उपचार नहीं है। तनाव पर योग से नियंत्रण पाया जा सकता है। यह कहना है राजकीय कालेज कैथल में मनोविज्ञान के प्रोफेसर डा. राजेंद्र अरोड़ा का।

जेआर किसान होम्योपैथी मेडिकल कालेज में वीरवार को एक वर्पशाप का आयोजन किया गया। योग के जरिए सशक्त एवं तनावमुक्त जीवन विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए डा राजेंद्र अरोड़ा ने बताया कि योग की अनेक प्रकार की विधियां होती हैं जिनसे जीवन सरल बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपनी शिक्षा में निखार लाने के लिए योग अवश्य अपनाना चाहिए। इससे यादाश्त में इज़ाफा होता है। स्वस्थ व्यक्ति के लिए स्वस्थ रहने के लिए भी यह आवश्यक है।

डा. अरोड़ा ने चिकित्सा जगत से जुड़े तमाम डाक्टरों से अपील की कि वे खुद भी योग करें और मरीजों को भी योग की राह दिखाएं। योग के जरिए रोगों पर न केवल जल्द नियंत्रण पाया जा सकता है बल्कि रोगों से बचाव भी किया जा सकता है। उन्होंने तनाव होने के कारण व लक्षणों के बारे में बताया और कहा कि अगर ऐसा है तो योग करें और रोग बढने से पहले चिकित्सक से सम्पर्प करें।

वर्पशाप में कालेज के चेयरमैन डा. सुरेश नांदल, कालेज के प्रिंसिपल व अन्य प्राध्यापक एवं डाक्टर उपस्थित रहे। जेपी पब्लिकेशन व बी जैन पब्लिकेशन की ओर से होम्योपैथी कालेज के होनहार विद्यार्थियों को पुस्तकें भेंट की गई।

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