शिरडी सांई मंदिर में भक्तों ने किये दर्शन
राजकुमार कौशिक
थानेसर।श्री शिरडी साईं सेवा संघ द्वारा कालेश्वर तीर्थ में बने शिरडी साईं मंदिर में वीरवार को बड़ी संख्या में आए भक्तों ने हिस्सा लिया। पुजारी वासुवा ममगाई ने शिरडी साईं की महिमा बताते हुए कहा कि श्रद्धा का अर्थ विश्वास (ईश्वर मे आस्था),अगर दिल में सच्ची श्रद्धा होती है तो देर से ही सही मालिक ज़रुर सुनता है । और यही नही कि अपना काम पूरा करने के लिए मन में श्रद्धा जगाई और अगर काम पूरा नही हुआ तो श्रद्धा खत्म कर दी ,यह श्रद्धा नही है। श्रद्धा तो वह होती है जिसमे कोई इच्छा करे बगैर सच्चे मन से ईश्वर की भक्ति हो । विपरीत परिस्थितियों में भी आस्था में कमी न आए । अच्छा और बुरा जो होता है यह तो कर्मो का फल है । एक बार सांई नें अपने भक्त का हाथ थाम लिया तो यह सुख व दुःख कुछ मायने नही रखता । उसकी कृपा एक बारी मिल गयी तो सारे काम बगैर सोचे पूरे हो जायेंगे । सबुरी का अर्थ है सबर, हमें मन में सबर भी रखना चाहिए । अगर हमने परिश्रम किया है तो ज़रुर एक न एक दिन हमे उसका फल मिलेगा,चाहे देर से मिले पर जो मालिक की मरजी से मिलता है उसका यश अलग ही होता है । इसलिये अपने मन में श्रद्धा और सबुरी का सच्चा दीपक जलातें हुए उसे बाबा के चरणों में समर्पित करे जिससे हमारा जीवन सार्थक हो सके । मंदिर में बड़ी संख्या में आए साईं भक्तों ने गुरू स्थान की परामा कर धूनि माई पर अगरबत्तियां लगाई और धूप आरती में भाग लिया। शिरडी साईं की धूप आरती में संघ के अध्यक्ष डा. विजय शर्मा, माणिक शर्मा, श्यामसुंदर सेठी, परविंदर मनचंदा, राजेश्वर, अरुण गौड़, चंद्रभान, सत्यप्रकाश, प्रदीप, सुरेश, विजय गर्ग, वीणा गर्ग, शंकरी देवी, प्रीति, नीना गुप्ता, सीमा अरोड़ा और यश अरोड़ा व अन्य मौजूद रहे ।