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रोडवेज यूनियनों ने जीएम को दिया आंदोलन का नोटिस
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हिसार, (वीअ)। सरकार व उच्चाधिकारियों के आश्वासनों को धत्ता बताकर रोडवेज बसों का संचालन बाधित करके चल रही नई नीति की निजी बसों के खिलाफ रोडवेज यूनियनों ने आंदोलन का अल्टीमेटम दे दिया है। यूनियनों ने संयुक्त रूप से महाप्रबंधक को नोटिस देकर 26 अगस्त तक स्थिति में सुधार न होने पर आंदोलन शुरू करने को चेताया है।
रोडवेज यूनियनों के डिपो प्रधानों रामसिंह बिश्नोई, राजपाल नैन, सतपाल डाबला, बहादुर सिंह संडवा, कीमत सिंह ढांडा, रमेश माल व अन्य राज्य पदाधिकारियों की ओर से महाप्रबंधक को यह ज्ञापन सौंपा गया है। इससे पहले इस संबंध में यूनियनों की बैठक हुई जिसमें उक्त प्रधानों के साथ-साथ राज्य स्तरीय तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेता दलबीर किरमारा, रमेश सैनी, रमेश श्योकंद, अजमेर सावंत, अरूण शर्मा, सुभाष ढिल्लो व रामफल कादियान भी शामिल थे। जीएम को दिये ज्ञापन में कहा गया है कि आरटीए हिसार की ओर से बिना किसी की सहमति के प्राइवेट संचालकों को एकतरफा टाईम-टेबल जारी किये गये हैं, जिससे हिसार से टोहाना, भट्टू, गुरूग्राम व चंडीगढ़ मार्ग पर राज्य परिवहन व अंतरराज्यीय बसों का संचालक बाधित हो गया है। आए दिन रोडवेज कर्मचारियों व निजी बस संचालकों में झगड़े हो रहे हैं। इसके अलावा आरटीए हिसार द्वारा हाल ही में कंट्रक्ट कैरिज की एसी बस नंबर एचआर39डी-3794 को अवैध रूप से हिसार-महम मार्ग पर स्टेज कैरिज परमिट एवं टाईम टेबल जारी किया गया है, जिससे भारी भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
यूनियनों ने जीएम को दिये नोटिस में मांग उठाई है कि हिसार आरटीए द्वारा प्राइवेट बसों को अब तक दिये गये सभी परमिटों एवं टाईम टेबल की उच्च स्तर पर जांच करवाई जाये तथा प्राइवेट संचालकों की मनमानी पर तुरंत रोक लगाई जाए। यदि इस स्थिति में सुधार नहीं होता और अधिकारी इस तरह लापरवाह बने रहे तो 26 अगस्त के बाद रोडवेज कर्मचारी किसी भी आंदोलन की शुरूआत करने को मजबूर होंगे, जिसमें धरना, प्रदर्शन, घेराव व हड़ताल आदि कुछ भी हो सकता है और इसके जिम्मेवार प्रशासन व संबंधित अधिकारी होंगे।
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