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पशासन को वादा खिलाफी का खामियाजा भुगतना पड़ेगा : रामकुमार गुर्जर
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कुरुक्षेत्र, (राजकुमार वालिया)। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय गैर शिक्षक कर्मचारी संघ (कुंटिया) का पतिदिन दो घण्टे चलने वाला धरना पदर्शन आज तीसरे दिन भी जारी रहा जिसमें सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय पशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस धरना पदर्शन की अध्यक्षता कुंटिया पधान रामकुमार गुर्जर ने की। सभी कर्मचारियों में कुंटिया की मांगों के पति विश्वविद्यालय पशासन के नाकारात्मक रवैये को लेकर बेहद रोष था।
इस धरना पदर्शन को सम्बोधित करते हुए कुंटिया पधान रामकुमार गुर्जर ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय पशान को कुंटिया मांगों को लेकर बहुत समय दिया गया लेकिन पशासन इसे गम्भीरता से नहीं ले रहा है। कुंटिया के साथ समझौता कर पशासन ने स्वयं उसे तारपीड़ो कर कर्मचारियों के साथ धोखा किया जिसका खामियाजा विश्वविद्यालय पशासन को भुगतना पड़ेगा। पशासन जानबूझकर विभिन्न कमेटियां गठित कर कर्मचारियों की मांगों को लटकाने का काम कर रहा है जिससे कर्मचारी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारी कोई नई चीज की मांग नहीं कर रहे हैं, वे तो उन्हीं चीजों की मांग कर रहे हैं जिन्हें पशासन ने जानबूझकर रोका हुआ है। इनमें पमुख रूप से कुछ वर्गों की पमोशन है जो अब तक रूटीन में हो रही थी, लेकिन पशासन ने अपना तानाशाही रवैया दिखाते हुए पमोशन बन्द कर दी है।
हम धरना पदर्शन को सम्बोधित करते हुए कुंटिया महासचिव नीलकण्ठ शर्मा एवं सहसचिव रविन्द तोमर ने कहा कि इस बार का कुंटिया आन्दोलन एक ऐतिहासिक आन्दोलन होगा। सभी कर्मचारी यही चाहते हैं कि अब की बार संघर्श निर्णायक होना चाहिए। पशासन कुंटिया के साथ कई बार वादा-खिलाफी कर चुका है। उन्होंने कहा कि इस बार जब तक पशासन कर्मचारियों की मांगों की अधिसूचना जारी नहीं करेगा तब तक यह संघर्ष खत्म होने वाला नहीं है। इस बार अगर कुंटिया को 86 दिन के संघर्ष का रिकार्ड तोड़ना पड़ा तो सभी कर्मचारी अपने आपको गौरान्वित महसूस करेंगे। उन्होंने कहा कि दिनांक 9 मार्च 2018 को कुंटिया द्वारा संघर्ष की नई रूपरेखा की घोषणा की जाएगी। इस अवसर पर वरिष्ठ उपपधान भूषण कुमार, उपपधान विष्णुनाथ, पैससचिव मनीष बालदा, कोषाध्यक्ष अनिल लोहाट, पूर्व पधान सुनील कक्व ड़, पूर्व महासचिव भारतभूषण, रामलाल, रामफल, डॉ. जीत सिंह शेर, डॉ. अनिल भुक्कल, संदीप जडोला, दलबीर मान, समुद यादव, कर्मवीर शर्मा, अजमेर सिंह, सतीश शर्मा, कृष्ण पाण्डे, सरोज शर्मा, राजबाला, राज शर्मा, डॉ. सुलोचना इत्यादि उपस्थित रहे।
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