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जल्दी व सुगमता से न्याय देने के लिए अदालतों में दी जा रही है उच्चस्तरीय सुविधाएं : सूर्यकांत

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:2 May 2018 6:39 PM GMT
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थानेसर (राजकुमार कौशिक)। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जज तथा हरियाणा भवन कमेटी के चेयरमैन जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हरियाणा पदेश के लोगों को जल्दी और सुगमता से न्याय देने के उदेश्य से जिलास्तर और उपमंडल स्तर की अदालतों में उच्चस्तरीय सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। इसके लिए हाई कोर्ट ने एक विशेष योजना तैयार की है और विभिन्न परियोजनाओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।

गुरुग्राम में 200 करोड़ रुपए की लागत से नए न्यायालय परिसर का कार्य तेजी से किया जा रहा है। यह न्यायालय परिसर शायद उतर भारत का सबसे सुंदर और आधुनिक भवन होगा। इतना ही नहीं सोहना और पटौदी में भी नए न्यायिक परिसर बनाने की पकिया तेजी से चल रही है।
जस्टिस सूर्यकांत कुरुक्षेत्र में 17.50 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित नए अतिरिक्प न्यायालय परिसर का उद्घाटन करने के उपरांत अधिवक्पाओं और गणमान्य लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पहले पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जज तथा हरियाणा भवन कमेटी के चेयरमैन जस्टिस सूर्यकांत, हाई कोर्ट की जज एवं कुरुक्षेत्र सैशन डिवीजन के पशासनिक जज रेखा मितल, जस्टिस शेखर धवन, जस्टिस अरविन्द सिंह सांगवान, जस्टिस अनिल खेत्रपाल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश शालिनी सिंह नागपाल, उपायुक्प डा. एसएस फुलिया ने दीप पज्जवलि कर और रिबन काटकर विधिवत रुप से नए अतिरिक्प न्यायिक परिसर का उद्घाटन किया। इसके उपरांत जस्टिस सूर्यकांत व अन्य हाईकोर्ट के जजों ने नए न्यायिक परिसर में आधुनिक सुविधाओं से सम्पन्न वीड़ियो कान्पेंसिंग रुम, कान्पेंस रुम, महिलाओं और पुरुषों अलग-अलग लॉकअप रुम, सुविधा सेंटर, एक पैच कक्ष, एक वनरल सेंटर का अवलोकन किया। इस दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश शालिनी सिंह को नए सैशन कोर्ट में बिठाया।
जस्टिस सूर्यकांत ने अधिवक्पाओं और कुरुक्षेत्र वासियों को नए कोर्ट परिसर की बधाई देते हुए कहा कि इस नए अतिरिक्प कोर्ट परिसर में 12 नई वातानुकुलित कोर्ट की स्थापना की गई है। इन अदालतों से अधिवक्पाओं और उपभोक्पाओं को उच्चस्तरीय सुविधाएं मिल पाएंगी। इतना ही नहीं नए कोर्ट परिसर में पोस्को एक्ट के तहत सुनवाई करने के लिए एक विशेष कोर्ट भी स्थापित की गई है। हाईकोर्ट का दृढ़ संकल्प है कि जिला और उपमंडल स्तर की अदालतों में हर पकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए।
पिछले कई सालों से हाई कोर्ट की तरफ से एक रोड़ मैप तैयार किया जा रहा है और विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। हाई कोर्ट का लक्ष्य है कि उपमंडल स्तर तक की अदालतों में लोगों को तेजी व सुगमता के साथ सही न्याय मिल सके।

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