राधे श्याम शास्त्राr महाराज ने श्रद्धालुओं को श्री रूकमणी विवाह प्रसंग सुनाया
राकेश पंवार
बहादुरग़ढ़। शहर के जटवाडा मोहल्ला स्थित तीन शक्ति मंदिर जन सुधारक सभा के प्रांगण में में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सांतवें दिन राधे श्याम शास्त्राr महाराज ने अपनी मधुर वाणी से श्रद्धालुओं को श्री रूकमणी विवाह प्रसंग सुनाया। कथा के दौरान राधे श्याम शास्त्राr ने जब अपनी मधुर वाणी से भगवान श्री कृष्ण का मधुर भजन बृज के नंदलाला, सब दुख दुर हुए तेरा जब नाम लिया.... सुनाया तो सभी श्रद्धालु भक्ति के रस में सरोबार हो गए।
कथा वाचक राधे श्याम शास्त्राr ने श्रद्धालुओं को बताया कि जीवन के लिए धर्म श्रवण बहुत जरूरी होता है। जिन लोगों ने अपने जीवन में धर्म का श्रवण किया हो ऐसे लोग जीवन के उद्वेश्य को साकार कर देते है। वहीं जो मनुष्य अपने जीवन काल में धर्म का श्रवण नहीं करते ऐसे लोग अपने इस अनमोल जीवन को अपने ही हाथों से खत्म कर लेते हैं। राधे श्याम शास्त्राr ने क हा धर्म के बिना मानव का जीवन व्यर्थ हो जाता है। वह मानव पशु के समान है जो अपने जीवन में धर्म श्रवण नहीं करता। धर्म केवल जीते जी किया जा सकता है मरणोपरांत नहीं। राधे श्याम शास्त्राr ने कहा कि इस जीवन का कोई भरोसा नहीं है, यह जीवन पानी की एक बूंद के समान है कब मिट जाए कुछ नहीं पता। शास्त्राr द्वारा कथा के बीच में सुनाए गए भजनों पर श्रद्धालु भक्ति भाव में जमकर झूमे। इस अवसर पर कर्मवीर राठी करमू, जयभगवान सैनी, गोविन्द राणा, लक्ष्मीनारायण वशिष्ठ,शिवकुमार वर्मा, पवन कुमार,पूर्ण सैनी, सुरेंद्र वर्मा, त्रिलोक राणा, मुकेश सैनी, राजेंद्र सैनी, मदरूप राठी, दीपक गुप्ता, टण्डन गोपाल, सतपाल सैनी, सुरेश रोहिल्ला, प्रदीप गुप्ता, कृष्ण राणा, प्रवीन सैनी काफी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद रहे।