पारदर्शी पंचायतीराज के लिए ऑडिट जरूरी ः राकेश शर्मा
अमित गर्ग
कुरुक्षेत्र। हरियाणा राज्य के ऑडिट एवं अकाउंटस विभाग के निदेशक राकेश शर्मा ने कहा है कि पारदर्शी पंचायतीराज के लिए ऑडिट जरूरी है। पत्येक पंचायत को समय पर ऑडिट करवाना चाहिए ताकि हरियाणा पदेश के लोगों को एक ईमानदार, पारदर्शी पंचायतीराज व्यवस्था मिल सके। वे शनिवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लोक पशासन विभाग की ओर से पंचायत पतिनिधियों के लिए चलाए जा रहे तीन माह के सर्टिफिकेट कोर्स में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने लेखा परीक्षण विषय पर व्याख्यान पस्तुत करते हुए पंचायतीराज के ऑडिट व्यवस्था की पेचिदगियों के बारे में सरपंचों को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि सरपंचों को कम से कम धनराशि अपने पास रखनी चाहिए तथा पंचायत की धनराशि को राष्ट्रीय बैंकों में रखना चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पंचायत की आमदनी, सहायता निधि तथा खर्चों से सम्बन्धित सभी रिकार्ड पारदर्शी, स्पष्ट एवं अप-टू-डेट रखने चाहिए। ऑडिट की भूमिका की चर्चा करते हुए उन्होंने ग्राम सरपंचों से कहा कि वे अपनी पंचायत का ऑडिट स्वयं करवाए क्योंकि ऐसा करने से उनको वित्तीय रिकार्ड रखने के सिद्धांतों, नियमों एवं तरीकों का व्यवहारात्मक ज्ञान मिल पाएगा। इससे भविष्य में गलती न करने की सम्भावना भी कम हो जाएगी। उन्होंने ग्राम पंचायतों को सही समय पर मस्ट्रोल जारी करने, रिकार्ड सही रूप में रखने तथा हरियाणा राज्य के ग्राम पंचायतों के खातों को संचालित करने तथा पैसे के रख-रखाव संबंधित नियमों के बारे में भी जानकारी दी। पंचायत पतिनिधियों ने ऑडिट संबंधी सभी समस्याओं पर हुई चर्चा में बढ़चढ़ हिस्सा लिया। पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास पर करवाए जाने वाले सर्टिफिकेट कोर्स के संयोजक एवं लोक पशासन विभाग के पोफेसर अजमेर सिंह मलिक ने बताया कि जब पंचायत पतिनिधियों के पास सूचना व कौशल दोनों होंगे तभी वे अपने गांव के विकास के बारे में सही निर्णय ले सकेंगे।
उन्होंने सरपंचों द्वारा ऑडिट पत्रिढया जानकारी को बहुत उपयोगी बताया। कार्यत्रढम के अंत में पो. अजमेर सिंह मलिक ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से सभी आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।