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सरकार की नीतियों से राज्य की कार्य संस्कृति सुधरी : त्रिवेन्द्र

👤 Veer Arjun | Updated on:19 Sep 2019 5:08 AM GMT

सरकार की नीतियों से राज्य की कार्य संस्कृति सुधरी : त्रिवेन्द्र

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देहरादून । विकास के प्रति प्रतिबद्धता दोहराते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टाॅलरेंस की नीति, वृहतर पूंजी निवेश, रोज़गार का सृजन और सेवा के अधिकार से उनकी सरकार ने राज्य की कार्य संस्कृति को सुधारा है।

उत्तराखंड के विकास दर को देश के विकास दर से अधिक होने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं के साथ बुधवार को बातचीत करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट के केवल 10 माह की अल्पावधि में ही लगभग 17 हजार करोड़ रुपये निवेश की ग्राउंडिंग की जबकि उत्तराखंड बनने के 17 वर्षों में 40 हजार करोड़ का निवेश हुआ था।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में 11 हजार से अधिक उद्यमों की स्थापना हुई जिसमें लगभग 80 हजार लोगों को रोजगार मिला। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलमार्ग पर काम प्रारम्भ कर दिया गया है। राज्य में हेली सेवा के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिसके तहत जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। राज्य सरकार की पहल से उड़ान योजना के तहत देहरादून, पंतनगर व पिथौरागढ़ के लिए सस्ती हवाई सेवा प्रारम्भ कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में सुधार के लिए स्कूली व उच्च शिक्षा की क्वालिटी में सुधार लाया जा रहा है । प्रदेश के समस्त विद्यालयों में फर्नीचर, वाटर सप्लाई, टॉयलेट, कंप्यूटर, लाइब्रेरी और लैब की व्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से 2022 तक पूर्ण किया जाएगा।

स्वास्थ्य सेवा के बारे में उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने बड़ी संख्या में पर्वतीय क्षेत्रों में डाक्टरों को तैनात करने की योजना के तहत अब तक 2045 चिकित्सक तैनात किए हैं जबकि पूर्व में केवल 1081 थे। पहले की तुलना में इनकी संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। संस्थागत प्रसव, मातृृत्व मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, बालिका लिंगानुपात, टीकाकरण जैसी हेल्थ इंडेक्स में सुधार का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य उप केंद्रों को हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। अटल आयुष्मान योजना में राज्य के समस्त परिवारों को प्रतिवर्ष 5 लाख रूपये तक वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है तथा इसमें किसी स्तर पर गड़बड़ी न हो इसके लिए लगातार माॅनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण करते हुए इसे पहले से भी अधिक भव्यता प्रदान की गई है। बद्रीनाथ धाम के लिए भी कार्ययोजना बनाई गई है। इस बार चारधाम व हेमकुण्ड साहिब के दर्शनों के लिए रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु आए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों व जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित करने की पहल बड़े स्तर पर की गई है। हर जिले में एक वाटरशेड पर काम किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर विकसित कर रहे हैं। 58 ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी दी जा चुकी है। महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के 5 लाख रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। 'मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना' में बीस हजार आंगनबाड़ी केंद्रों के ढ़ाई लाख बच्चों को निःशुल्क दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। कुपोषण को दूर करने के लिए उठाये गए कदमों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अति कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उनकी समुचित देखरेख का अभियान प्रारम्भ किया गया है। राज्य में कृषि कार्यों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि परम्परागत कृषि विकास योजना के पहले चरण में 3900 जैविक क्लस्टरों में काम शुरू किया है। कृषि उपकरण लिए ''फार्म मशीनरी बैंक'' योजना शुरू की है। इसके लिए 80 फीसदी तक सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में कोस्ट गार्ड भर्ती सेंटर व रानी पोखरी में नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी का शिलान्यास कर दिया गया है। डोईवाला में सीपेट शुरू किया जा चुका है जहां सौ फीसदी प्लेसमेंट मिल रहा है। वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से अल्मोड़ा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन नेचुरल फाईबर की स्थापना की जा रही है। देश की पांचवी साइंस सिटी देहरादून में बनाई जा रही है। देश के पहले ड्रोन एप्लीकेशन प्रशिक्षण केंद्र एवं अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना यहां की गई है। युवाओं को प्लेटफार्म उपलब्ध करवाने के लिए 'स्टार्ट अप पाॅलिसी' लाई गई।

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