मनोहर सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार आज, नए मंत्री लेंगे शपथ
चंडीगढ़ । हरियाणा में सरकार गठन के 17 दिन बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल मंत्रिपरिषद का गुरुवार को विस्तार होने वाला है। नए मंत्रियों को राजभवन में दोपहर 12.30 बजे शपथ दिलाई जाएगी। यह विस्तार मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के शपथ लेने के करीब 17 दिन दिन बाद हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला ने 27 अक्टूबर को शपथ ली थी। साथ ही कैबिनेट में भाजपा और जजपा के बीच विभागों के बंटवारे पर भी विचार-विमर्श हो रहा है। जजपा को 12 महत्वपूर्ण विभाग मिल सकते हैं। हालांकि वह 14 विभागों की मांग कर रही है। मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले भाजपा में भी विभागों के आवंटन पर मंथन चल रहा है।
बताया जा रहा है कि पार्टी अपने कोटे के मंत्रियों के विभाग तय करने के लिए अंतिम दौर की चर्चा कर रही है। साथ ही जननायक जनता पार्टी (जजपा) को दिए जाने वाले विभागों पर भी अंतिम दौर की चर्चा हो रही है। जजपा संयोजक और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को सीएम मनोहर लाल के साथ बैठक कर अपनी पार्टी के लिए कई महत्वपूर्ण विभाग मांगे थे। जजपा ने भाजपा से करीब 14 बड़े विभागों की मांग की है।
सूत्रों का कहना है कि जजपा ने गृह, वित्त, कृषि, ग्रामीण विकास, पंचायत, शहरी स्थानीय निकाय, बिजली, स्वास्थ्य और आबकारी एवं कराधान समेत कई विभाग मांगे हैं। दूसरी ओर भाजपा गृह, कृषि और आबकारी एवं कराधान विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखना चाहती है। भाजपा इस विभागों को छोड़कर जजपा को 12 अहम विभाग देने को तैयार है। यह भी बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद एक बार फिर विभागों के आवंटन को लेकर बैठक होगी।
हरियाणा और महाराष्ट्र में एक ही दिन विधानसभा चुनाव हुए थे और नतीजे भी साथ ही आए। दोनों जगह त्रिशंकु विधानसभा के कारण हालात ऐसे बने कि असमंजस खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। हालांकि अब तय हो गया है कि बृहस्पतिवार को मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। राजभवन में शपथ ग्रहण समरोह की तैयारी पूरी है। पिछली सरकार में 14 मंत्री बने थे। जिसमें से 8 केबिनेट और 6 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार थे। पहले विस्तार में 12 मंत्री बने थे। बाद में दो मंत्री सरकार ने हटा कर चार अन्य मंत्रियों को शामिल किया था। घनश्याम सर्राफ और विक्रम ठेकेदार को सरकार ने हटाया था।
पहले विस्तार में आठ की उम्मीद
इस बार पहले विस्तार में बन सकते हैं आठ मंत्री। जिसमें से पांच भाजपा के दो जजपा के और एक निर्दलीय विधायक शामिल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पहले ही शपथ ले चुके हैं। अब देखना यह होगा कि कौन-कौन से चेहरों को पहले विस्तार में स्थान मिलेगा।
भाजपा सांसदों का राजनीतिक कद तय होगा
भाजपा-जजपा कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के चेहरों से ही राज्य के सभी दस भाजपा सांसदों का राजनीतिक कद तय होगा। इसके साथ ही हरियाणा से दो केंद्रीय राज्यमंत्रियों राव इंद्रजीत सिंह और कृष्णपाल गुर्जर के सियासी रुतबे का भी इससे अंदाजा लगेगा। पिछले कार्यकाल के दौरान हालांकि मनोहर मंत्रिमंडल में अहीरवाल के नेता राव इंद्रजीत सिंह समर्थक दो मंत्रियों को स्थान मिला था। तब फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर के विरोधी विपुल गोयल को भी मंत्री बनाया गया था। वहीं कृष्णपाल गुर्जर के कहने पर बडख़ल की विधायक सीमा त्रिखा को मुख्य संसदीय सचिव बनाया गया था, मगर हाई कोर्ट के आदेश के कारण उनको हटना पड़ा था। इस बार मनोहर मंत्रिमंडल में सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक सहित गुरुग्राम और फरीदाबाद के सांसदों की पसंद नापसंद का ख्याल रखना जरूरी रहेगा।
सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने इस बार फिर बडख़ल की विधायक सीमा त्रिखा का नाम विधानसभा उपाध्यक्ष या राज्यमंत्री के लिए दिया है और एक विधायक को मंत्री नहीं बनाने की संस्तुति की है। इसके अलावा गुरुग्राम के सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की अहीरवाल में एक ही विधायक के नाम पर असहमति जगजाहिर है।अहीरवाल में एक विधायक ने अपने काम के बूते मुख्यमंत्री मनोहर लाल और संगठन पर अपनी छाप छोड़ी हुई है। इसका फायदा उन्हें अवश्य मिलेगा। संघ के पदाधिकारी भी उनके नाम पर किसी की असहमति पर तीखे तेवर दिखा रहे हैं। गुर्जर को इसलिए भी ज्यादा वजन मिल सकता है कि उनके लोकसभा क्षेत्र में नौ में से सात विधायक भाजपा के बने हैं। एक निर्दलीय भी भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। हिस