हरियाणा के डीजीपी ने केंद्र में मांगी तैनाती
वर्ष 1988 बैच के आईपीएस मनोज यादव को वर्ष 2003 में इंटेलीजेंस ब्यूरो में संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात किया गया किया था। 19 फरवरी 2019 को हरियाणा सरकार ने उन्हें वापस बुला लिया और प्रदेश में पुलिस महानिदेशक के पद पर दो साल के लिए तैनात किया। मनोज यादव का कार्यकाल पूरा होने के बाद गृहमंत्री अनिल विज इस पद पर अन्य आईपीएस अधिकारी को चाहते थे लेकिन सरकार ने विज की सिफारिशों के उलट जाकर मनोज यादव को आगामी आदेशों तक एक्सटेंशन दे दी।
दो मार्च 2021 को केंद्रीय गृहमंत्रालय ने हरियाणा सरकार की सिफारिशों को मानते हुए मनोज यादव की प्रतिनियुक्ति अवधि को बढ़ा दिया। इस बीच गृहमंत्री अनिल विज ने मनोज यादव की एक्सटेंशन पर आपत्ति जताते हुए उनके स्थान पर अन्य आईपीएस की तैनाती की मांग की। विज ने तो तीन आईपीएस अधिकारियों का पैनल तक बनाने की सिफारिश करते हुए तीन अप्रैल तक मनोज यादव को हटाने की मांग की थी। गृहमंत्री और डीजीपी के बीच कई मुद्दों को लेकर तनातनी चलती रही है। इस बीच अंबाला रेंज के आईजी वाई पूर्ण कुमार और डीजीपी का विवाद अभी भी चल रहा है।
इस मामले में हरियाणा गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने डीजीपी मनोज यादव, वर्तमान आईजी अंबाला और एसपी अंबाला को पत्र लिखकर अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही यह भी पूछा है कि अभी तक आईजी की शिकायत पर केस दर्ज क्यों नहीं हुआ है।
इस विवाद के चलते मंगलवार को पुलिस महानिदेश मनोज यादव ने हरियाणा के गृह सचिव को एक पत्र लिखकर उनकी सेवाएं वापस आईबी को देने की मांग की है। मनोज यादव ने एक ट्वीट करके कहा कि पिछले 28 महीनों से वह हरियाणा के नागरिकों की सेवा में डीजीपी के रूप में अपनी क्षमता के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। वर्तमान में अपने करियर और पारिवारिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अगला कार्यकाल आईबी में पूरा करना चाहिए। उन्होंने गृह मंत्रालय से आग्रह किया है कि वह आईबी में उन्हें बतौर अतिरिक्त निदेशक उनकी सेवाएं बहाल करें। डीजीपी के इस पत्र से हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी में एह बार फिर से हलचल शुरू हो गई है।