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कम मीट और कम व्यायाम से युवाओं में बढ़ सकता है मानसिक तनाव

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:13 Dec 2017 6:28 PM GMT

कम मीट और कम व्यायाम से युवाओं में बढ़ सकता है मानसिक तनाव

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न्यूयॉर्क, भाषा, हफ्ते में तीन बार से कम मीट खाने और कम व्यायाम करने वाले युवा वयस्कों में मानसिक तनाव होने का खतरा बढ़ जाता है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।

बहरहाल, परिपद्र वयस्कों 30 साल से ज्यादा की मानसिक सेहत कॉफी और कार्बेहाइड्रेट के नियमित सेवन के प्रति ज्यादा संवेदनशील प्रतीत होती है।
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि युवा वयस्कों 18-29 साल का का मिजाज ऐसे भोजन पर निर्भर होता प्रतीत होता है जो न्यूरोट्रांसमिटर प्रकर्सर की उपलब्धता एवं सांद्रता बढ़ाते हैं।
अमेरिका की बिंगहैम्टन यूनिवर्सिटी की लीना बेगडेक ने बताया, युवा वयस्कों का मिजाज मस्तिष्क रसायनों में इजाफे के प्रति संवेदनशील प्रतीत होता है।
बेगडेक ने कहा, मीट का नियमित सेवन दो तरह के मस्तिष्क रसायनों ासेरोटोनिन और डोपामाइना में इजाफा करता है जो मिजाज अच्छा करने के लिए जिम्मेदार होता है। नियमित व्यायाम इनमें और अन्य न्यूरोट्रांसमिटर में वृद्धि करता है।
उन्होंने कहा, दूसरे शब्दों में कहें तो युवा वयस्क जो हफ्ते में तीन बार से कम मीट का सेवन करते हैं और तीन बार से कम व्यायाम करते हैं उनमें अधिक मानसिक तनाव देखा गया।
परिपद्र वयस्कों का मिजाज उन भोजन ाफला पर ज्यादा निर्भर होता है जो एंटीऑक्सिडेंट की उपलब्धतता को बढ़ाते हैं।
यह अध्ययन न्यूट^िश्नल न्यूरोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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