फेसबुक साहित्य का नया प्रवेशद्वार है: सूरज प्रकाश
प्रस्तुति-लोकमित्र
संवाद की बिलकुल एक नई शैली, चैटिंग में हिन्दी का पहला उपन्यास अंग्रेजी शीर्षक 'नॉट इक्कवेल टू लव' में लिखकर इन दिनों सूरज प्रकाश खूब चर्चा में हैं। सूरज फ्रकाश जी ने यूं तो कम समय में ही विपुल साहित्य की रचना की है। लेकिन वह मशहूर हैं फेसबुक की पृष्"भूमि पर लिखी गयी अपनी कहानियों की वजह से। आखिरकार उन्होंने अपनी रचनात्मकता के लिए यह पृष्"भूमि क्यों चुनी और इसका हमारे वास्तविक सामाजिक जीवन में क्या असर पड़ा है। इस पहलू पर वरिष्" पत्रकार एवं कवि लोकमित्र ने उनसे विस्तृत बातचीत की। पेश हैं उस बातचीत के कुछ चुनिंदा अंश।
लोकमित्र- एक साहित्यकार के नाते आप संचार क्रांति या सोशल मीडिया के उभार को किस नजरिये से देखते हैं ?
सूरज प्रकाश- हमारे देश में विशेषकर उत्तर भारत में लड़कियों और महिलाओं के लिए पहली बार आजादी का पैगाम लेकर मोबाइल आया था। मोबाइल ने पहली बार एक ऐसी आजादी दी कि आप अपने पसंद के किसी भी व्यक्ति से बात कर सकती हैं, वह भी घर बै"s हुए। उसके पहले लड़कियों के पास ऐसी आजादी नहीं थी कि वो किसी से भी बात कर सकें। यहां तक कि भाई के दोस्त के साथ भी नहीं। उन्हें घर के बाहर अकेले जाने की इजाजत नहीं