Home » मध्य प्रदेश » जीयो-रीच सॉफ्टवेयर से ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता व लागत नियंत्रित होगीः इकबाल सिंह

जीयो-रीच सॉफ्टवेयर से ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता व लागत नियंत्रित होगीः इकबाल सिंह

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:27 Aug 2018 2:13 PM GMT
Share Post

भोपाल (ब्यूरो मप्र)। जीयो-रीच सॉफ्टवेयर से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के निर्णय को गति मिलेगी, इससे सड़कों की गुणवत्ता और लागत को नियंत्रित किया जा सकेगा। यह बात पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने एमपी रुरल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट जीयो-रीच सॉफ्टवेयर पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में कही। कार्यशाला का आयोजन एमपीआरआरडीए, विश्व बैंक और एआईआईबी के संयुक्तत्वावधान में होटल कोटमेरियट में किया गया।

अपर मुख्य सचिव श्री बैंस ने कहा कि एमपीआरआरडीए ने गुणवत्ता के साथ सड़कों के निर्माण की जिम्मेदारी निभाई है। लगभग एक लाख किलोमीटर की ग्रामीण सड़कों का रख-रखाव भी बेहतर ढंग से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एमपीआरआरडीए का खुद का केडर होगा। इसके लिये प्रािढया प्रचलन में है।मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण श्री नीतेश व्यास ने कहा है कि विश्व बैंक की शर्त के अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के टेण्डर से पेमेंट तक की ऑनलाइन प्रोसेस के लिए जियो-रीच सॉफ्टवेयर बनकर तैयार हो गया है। मध्यप्रदेश एन.आई.सी. के सीनियर टेक्नीकल डॉयरेक्टर श्री विवेक चितले और टीम द्वारा तैयार यह सॉफ्टवेयर देश का पहला सॉफ्टवेयर होगा जिसमें रोड निर्माण की पूरी प्रािढया ऑनलाइन की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के ऐसे ग्राम, जो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क परियोजना के दायरे में नहीं आ पा रहे थे, उनको बारहमासी सड़कों से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना प्रारंभ की गई थी। योजना में निर्मित लगभग 10 हजार किलोमीटर सड़कों को डामरीकृत करने की जिम्मेदारी मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को सौंपी गई है। इन सड़कों के निर्माण और रख-रखाव के लिए मध्यप्रदेश सरकार और विश्व बैंक तथा एशियन इन्फास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट बैंक के साथ अप्रैल 2018 में 2275 करोड़ का ऋण समझौता किया गया है।

समझौते के अनुरूप राज्य सरकार को टेण्डर से पेमेंट तक की सम्पूर्ण प्रािढया पर सतत निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए ऑनलाइन सिस्टम विकसित करना आवश्यक था।विश्व बैंक के प्रतिनिधि ने कहा कि मध्यप्रदेश में रिकार्ड समय में सड़क निर्माण की पूरी प्रािढया को ऑनलाइन करने के लिये सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसके लिये प्राधिकरण और एनआईसी का अमला बधाई का पात्र है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री सड़कों के मेन्टेनेंस के लिये सॉफ्टवेयर लागू किया जा चुका है, जिसे केन्द्राrय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा पूरे देश में लागू किया जा रहा है।

Share it
Top