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रामायण और महाभारत भी हिंसा और लड़ाई के उदाहरणों से भरे हैं:येचुरी

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:3 May 2019 2:48 PM GMT
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भोपाल(ब्यूरो मप्र) । कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह का चुनाव प्रचार करने यहां आए सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने हिंदू और हिंसा को लेकर अपनी राय रखी। भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के उस बयान का जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदू हिंसा में विश्वास नहीं करता का जिक्र करते हुए येचुरी ने कहा कि कई राजाओं और रियासतों ने लड़ाई लड़ी है। यहां तक कि रामायण और महाभारत भी हिंसा के उदाहरणों से भरे हुए हैं।

उन्होंने कहा, 'एक प्रचारक होने के नाते, आप महाकाव्यों का वर्णन करते हैं और फिर भी दावा करते हैं कि हिंदू हिंसक नहीं हो सकते? इसके पीछे क्या तर्क है? एक धर्म है जो हिंसा में शामिल है और हम हिंदू कहते हैं हम ऐसे नहीं हैं।' येचुरी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले पांच साल में देश में एक तरफ संवैधानिक और जनतांत्रिक मूल्याें का पतन हुआ है।

येचुरी के इस बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि सबसे पहले उन्हें अपना नाम 'सीताराम' बदलना चाहिए। राउत ने कहा, 'हिंदुओं के हिंसक होने का क्या अर्थ? रामायण और महाभारत ने एक संदेश दिया, बुराई पर अच्छाई की जीत, असत्य पर सत्य की जीत। राम, कृष्ण और अर्जुन सत्य के प्रतीक हैं।

राउत ने कहा कि यदि येचुरी इस तरह से चीजों का अर्थ निकालते हैं तो कल जब हमारे जवान पाकिस्तान के खिलाफ लड़ेंगे तो वे कहेंगे कि हमारे जवान हिंसा करते हैं। उन्होंने कहा, 'येचुरी की विचारधारा का केवल एक ही उद्देश्य है, हिंदुओं पर हमला करना और खुद को प्रमुख धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति बताना।'

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