Home » मध्य प्रदेश » पार्टी मुख्यालय के उद्घाटनकर्ता आडवाणी की शिलापट्टिका हटाने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा को घेरा

पार्टी मुख्यालय के उद्घाटनकर्ता आडवाणी की शिलापट्टिका हटाने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा को घेरा

👤 admin5 | Updated on:18 Aug 2017 3:48 PM GMT
Share Post

भोपाल (ब्यूरो मप्र)। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री के.के. मिश्रा ने प्रदेश की मान्य राजनैतिक परंपराओं और अतिथि देवो भव के अनुरूप भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के प्रदेश प्रवास पर उनका स्वागत करते हुए उनके आगमन से भयभीत राज्य सरकार व भाजपा पार्टी संगठन को घेरा है। उन्होंने जानना चाहा है कि जिस राजनैतिक दल ने पूरे देश में मिस्डकॉल के आधार पर करोड़ें लोगों को फर्जी सदस्य बनाकर विश्व की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी होने का दावा किया हो, उसे प्रदेश में अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्वागतार्थ राजधानी भोपाल की साज-सज्जा के लिए निगम के वाहनों और कर्मचारियों का उपयोग क्यों करना पड़ा, यह सत्ता का दुरूपयोग है अथवा कार्यकर्ताविहीन पार्टी संगठन? श्री मिश्रा ने श्री अमित शाह के भय से वर्ष 1996 में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय भवन के उद्घाटनकर्ता वरिष्ठतम भाजपा नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी की लगी शिलापट्टिका भी हटा दिये जाने को लेकर भी भाजपा से पूछा है कि क्या महज राजनैतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए अपने पितृ-पुरूषों का इस तरह किया जाने वाला ऐसा घिनौना अपमान ही उसकी संस्कृति, संस्कारों और 'पार्टी-विद-ए-डिफरेंस' की परिभाषा में निहित है? क्या यह वे ही आडवाणी जी हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान बार-बार मप्र में विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ करने के लिए न केवल आमंत्रित करते थे, बल्कि उन्होंने ही श्री आडवाणी को वर्ष 2014 में संपन्न लोकसभा निर्वाचन के दौरान भोपाल संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का विधिवत आमंत्रण भी दिया था ? श्री मिश्रा ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपाई विचारधारा की स्पष्ट बहुमत वाली सरकार प्रदेश में विगत् साढ़े 13 वर्षों से काबिज है, लोकसभा अध्यक्ष, कई केंद्रीय मंत्रीगणों सहित लगभग 30-32 सांसद (लोकसभा -राज्यसभा), कई राष्ट्रीय पदाधिकारी काबिज है।

जनसंघ की संस्थापक (अब अपमानित हो रही सिंधिया परिवार की प्रमुख) राजमाता स्व.विजयाराजे सिंधिया, भाजपा के पितृ-पुरुष स्व.कुशाभाऊ ठाकरे का सम्मानित नाम भी लिया जाता है। उस राजनैतिक दल को निगमकर्मियों से पोस्टर, बैनर आदि की सजावट करवाना पड़े, हास्यास्पद है? उन्होंने कहा कि श्री शाह क्या ऐसे लचर संगठन के दम पर ही वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 365 त्र् सीटें लाने का दिवास्वप्न देख रहे हैं?

Share it
Top