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मिशन इंद्रधनुष ने घटाई खसरा पीड़ितों की संख्या
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भोपाल (ब्यूरो मप्र)। मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण से प्रदेश में खसरा प्रकरणों में उल्लेखनीय कमी आई है। गत वर्ष के 2 हजार 369 प्रकरणों के विरूद्ध इस वर्ष मात्र 900 प्रकरण ही दर्ज हुए हैं। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने यह जानकारी देते हुए प्रदेशवासियों से अपील की है कि बच्चों को खसरे का टीका जरूर लगवायें। खसरे का पहला टीका 9 से 12 माह और दूसरा टीका 16 से 24 माह की उम्र में बच्चे को अवश्य लगवा लें। खसरा रोग जानलेवा भी हो सकता है।
श्री रूस्तम सिंह ने कहा कि खसरे का टीका सभी शासकीय स्वास्थ्य केंन्द्राsं में निशुल्क लगाया जाता है। खसरे के साथ अपने बच्चे का सम्पूर्ण टीकाकरण भी करवायें। सर्दी, खांसी, लाल आँखें, तेज बुखार और त्वचा पर दाने, खसरा के लक्षण हैं। खसरा एक पांमक बीमारी है। इसलिये बच्चे को पांमण से बचाने के लिये विशेष ध्यान दें। टीकाकरण से बच्चे को खसरे के खतरे से बचाया जा सकता है। यह टीका किफायती होने के साथ सुरक्षित भी है।
मंत्री श्री रुस्तम सिंह ने कहा कि वर्ष 2018 में खसरा टीकाकरण का अभियान भी चलाया जायेगा जिसमें वर्षांत में 9 माह से 15 साल तक के बच्चों को रोग-प्रतिरोधक टीके लगेंगे। मध्यप्रदेश में वर्ष 2013 से आरम्भ खसरा रक्षक अभियान के बाद से खसरा प्रकरणों में उल्लेखनीय कमी आई है, जिसकी प्रशंसा केन्द्र सरकार ने भी की है।
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