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अधिनियम की अनदेखी से नगर की जनता को हो रहा बड़ा नुकसान

👤 admin5 | Updated on:17 Jun 2017 3:47 PM GMT
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योगेन्द्र मेहता

नागदा। संपत्तिकर की वसुली में नगर पालिका नागदा नियम विरूद्ध तरीके से जनता से मोटी राशि ऐंठने का गोरखधंधा धडल्ले से चला रही है। नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत जिन शहरों की जनसंख्या एक लाख से अधिक हो चुकी है वहाँ नगर पालिका 500 स्कवेयर फीट तक भूमि व मकान से 150 रूपये पतिमाह ही संपत्ति कर वसुल कर सकती है। इसके उलट नागदा नगर पालिका में देखने में यह आ रहा है कि यहाँ नागरिकों पर संपत्ति कर के रूप में हजारों रूपये की राशि आरोपीत कर उसकी वसुली में सख्ती दिखाई जा रही हैं। अधिकारी व कर्मचारी राशि को कम करने के नाम पर गोलमाल भी कर रहे हैं।

शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने शनिवार को सर्कीट हाउस पर आयोजित पत्रकार वार्ता में नगर पालिका में चल रहे इस गोलमाल कर खुलासा करते हुए तमाम पमाण पत्रकारों के सम्मुख पस्तुत किये हैं जिनमें नियमों के तहत करों की वसुली की जाने की जानकारी दशाई गई है। श्री स्वामी ने पत्रकारों को बताया कि शासन पशासन द्वारा नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 127 ए में संपत्तिकर की वसुली के स्पष्ट पावधान किये गये हैं। बावजुद इसके नागदा नगर पालिका के कर्मचारी अधिकारी इन पावधानों को नकारते हुए नगर की जनता के साथ धोखाधडी करते हुए निर्धारित से अधिक संपत्तिकर की राशि वसुलने में लगे हुए हैं। उन्होंने दोषी अधिकारियों एवं शासन पशासन के जिम्मेदार पतिनिधियों के विरूद्ध पकरण दर्ज करने की मांग भी की है।

नगरीय पशासन विभाग के आयुक्प को लिखा पत्रनपा परिषद में नेतापतिपक्ष एवं शहर कांग्रेस के अध्यक्ष श्री स्वामी ने विभाग के आयुक्प को लिखे पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि मध्यपदेश नगर पालिका अधिनियम की धारा 127 ए ख में उल्लेखित भवन तथा भूमियाँ जिनका वार्षिक भाडा मुल्य 6000 रूपये ऐसे नगर पालिका क्षेत्र की दशा में जहाँ की जनसंख्या एक लाख तथा उससे अधिक हो तथा 4800 रूपये ऐसे नगर पालिका क्षेत्र की दशा में जहाँ की जनसंख्या एक लाख से कम हो से अधिक न हो उक्प नियम म.. अधिनियम त्रढ. 18 सन् 1997 द्वारा पतिस्थापित दिनांक 21 अपैल 1997 से पभावी है।

नागदा शहर की जनसंख्या वर्तमान में एक लाख से अधिक ऐसे में 500 स्कवेयर फीट तक के भूखण्ड व मकान नपा के संपत्ति कर से मुक्प होना चाहिएंं।

बावजुद इसके नपा के अधिकारियों एवं जनपतिनिधियों द्वारा इसका पालन नहीं करते हुए भूखण्ड व मकान मालिकों पर करों की वसुली के नाम पर नोटीस थमा कर हजारों रूपये की राशि का कर आरोपी कर रही है।

बडे नेताओं पर उठाई उंगली

श्री स्वामी ने केन्दीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचन्द गेहलोत, विधायक दिलीपसिंह शेखावत एवं अन्य जनपतिनिधियों से भी सीधा सवाल किया है कि जब नगर पालिका में नियम विरूद्ध तरीके से कामकाज चल रहा है तो इस मामले की यही जिम्मेदार लोग अनदेखी क्यों कर रहे हैं।

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