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आरक्षण को लेकर करणीसेना ने दिखाई ताकत, प्रशासन के हाथ पैर फूले

👤 Veer Arjun | Updated on:16 Sep 2019 4:33 AM GMT

आरक्षण को लेकर करणीसेना ने दिखाई ताकत, प्रशासन के हाथ पैर फूले

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इंदौर। आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर रविवार को शहर में प्रदेशभर से लाखों की संख्या करणीसेना के सदस्य रैली स्थल निरंजनपुर में शामिल हुए। सुबह सात बजे से समाजजनों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। 10 बजे तक दोपहिया व चार पहिया वाहन से सदस्य आते रहे। पहली बार शहर में इतनी बड़ी संख्या में शामिल होकर करणीसेना के सदस्यों ने प्रशासन को अपनी ताकत दिखा दी। भीड़ देख प्रशासन के भी हाथ पैर फूल गए थे।

करणीसेना के संभागीय अध्यक्ष रामसिंह दीखित तथा संयोजक ऋषिराज सिंह सिसौदिया के नेतृत्व में उक्त रैली निकली। निरंजनपुर से रैली का कारवां सुबह 11 बजे शुरू हुआ, जो विजयनगर, पाटनीपुरा,मालवा मिल होते हुए सभा स्थल चिमनबाग पहुंचा। रैली को लेकर सेना की एक माह से तैयारी चल रही थी। रैली में व्यवस्था के लिए प्रशासन ने कुछ मार्गों को डायवर्ट किया था, ताकि यातायात सुचारू चलता रहे। हालांकि, इतनी भीड़ होने से यातायात नियमों का खुलकर उल्लंघन हुआ। सेना के सदस्य जिन मार्गों से गुजरे वहां लंबा जाम लग गया। बमुश्किल जाम से बचते-बचते लोग निकले और आयोजकों पर अपना आक्रोश व्यक्त किया।

बैठक में हुई व्यवस्था

रैली को लेकर शनिवार को कलेक्टर लोकेश जाटव व एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने करणीसेना के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था और बेहतर यातायात के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ भी विचार-विमर्श किया गया था।

सुबह से जुटे जवान

रैली मार्ग की जानकारी पहले से प्रशासन को दे दी गई थी। रैली मार्ग पर सुबह से ही पुलिस जवान तैनात हो गए थे। चिमनबाग चौराहा पर अतिरिक्त बल लगाया गया था। रैली में हर सदस्यों पर पुलिस जवान ने निगाह रखी।

बीआरटीएस पर पहुंचे

करणीसेना की रैली ने पूरे मार्ग पर नियमों का उल्लंघन किया। यहां तक की प्रतिबंधित बीआरटीएस मार्ग पर भी पहुंचने से गुरेज नहीं किया। बीआरटीएस पर लोगों की भीड़ चलने से आई बसों का संचालन भी कुछ देर के लिए बंद करना पड़ा।

अनुमति को लेकर संशय

रैली निकालने के लिए समाज का एक धड़ा अनुमति लेने तथा दूसरा धड़ा अनुमति नहीं लेने की बात कह रहा है। अनुमति को लेकर भी संशय बरकरार है।

बाहरी मार्ग से देना थी

शहर में जिस मार्ग से रैली निकली, वहां यातायात का अत्यधिक दबाव बना रहता है। प्रशासन से यदि करणी सेना ने नियमानुसार अनुमति ली थी तो प्रशासन ने बाहरी मार्ग के लिए दबाव क्यों नहीं बनाया। बाहरी क्षेत्र से रैली निकालते तो लोगों को आवाजाही में सुलभता होती।

ट्रैफिक पुलिस भी जिम्मेदार

ट्रैफिक पुलिस को पता था कि जिन मार्गों से रैली निकाली जाना है, वह उचित नहीं है। ऐसे में बिगड़ी यातायात व्यवस्था और मार्ग परिवर्तन को लेकर उसकी कोई तैयारी नहीं थी। यही कारण रहा कि प्रमुख चौराहों व मार्गों पर रैली निकलते समय लंबा जाम लग गया। लोग आधा घंटा तक जाम में बुरी तरह फंसे रहे।

होगी कार्रवाई

पूरी रैली सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। नियमों का उल्लंघन किया गया है। फुटेज देखने के बाद करणी सेना के सदस्यों पर प्रशासन द्वाराा कार्रवाई की जाएगी।

रैली के लिए बाकायदा अनुमति करणी सेना ने ली थी। प्रशासन ने जिस मार्ग की अनुमति दी,रैली वहीं से निकली। हमारे लोग भी यातायात व्यवस्था संभाल रहे थे। इतनी भीड़ में कुछ गलती हो सकती है।

जीवनसिंह शेरपुर, प्रदेश अध्यक्ष करणी सेना।

-रैली के लिए मौखिक अनुमति थी। मार्ग पूर्व से तय नहीं था। इतनी भीड़ आएगी यह अंदेशा था।

लोकेश जाटव, कलेक्टर।

-ट्रेफिक पुलिस को वरिष्ठ अधिकारियों ने केवल इंतजाम करने को कहा था। रैली किस मार्ग से निकलेगी, यह कुछ देर पहले पता चलने से जाम की स्थिति निर्मित हो सकी।

महेन्द्र जैन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, ट्रेफिक।

-रैली में सुरक्षा की दृष्टि से बल तैनात किया गया था। अनुमति संबंधी किसी प्रकार की जानकारी नहीं है। दो दिन पहले करणी सेना के पदाधिकारी मुलाकात करने आए थे। उन्हें अनुमति के लिए कहा गया था।

रुचिवर्धन मिश्र, एसएसपी।

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