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महाकाल मंदिर में एक ही दिन मनाई जाएगी रूप चतुर्दशी और दीपावली

👤 manish kumar | Updated on:26 Oct 2019 8:24 AM GMT

महाकाल मंदिर में एक ही दिन मनाई जाएगी रूप चतुर्दशी और दीपावली

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उज्जैन । उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में रूप चतुर्दशी और दीपावली रविवार, 27 अक्टूबर को एक साथ मनाई जाएगी। इस दिन तड़के भस्मारती के बाद पुजारी परिवार भगवान महाकाल को अन्नकूट लगाएगा, इसके बाद दीपावली मनाई जाएगी। यह जानकारी शनिवार को मंदिर समिति के उप प्रशासक आशुतोष गोस्वामी ने मीडिया को दी।

उन्होंने बताया कि रविवार को भगवान महाकाल की भस्मारती अपनी निर्धारित समय पर सुबह चार बजे शुरू होगी। इसके बाद बाद सुबह 6 से 8 बजे तक अन्नकूट के दर्शन होंगे। परंपरा अनुसार महाकाल मंदिर में रूपचौदस के दिन होने वाली भस्मारती में भगवान को अभ्यंग स्नान कराकर पुजारी परिवार राजसी श्रृंगार करता है और भगवान को अन्नकूट लगाया जाता है। इस बार रूप चौदस 27 अक्टूबर की सुबह रहेगी। इसलिए इस दिन ही भस्मारती में दीपावली मनाई जाएगी व अन्नकूट लगाएंगे।

महाकाल मंदिर में चलने वाले दक्षिण भारत के पंचांग अनुसार, रविवार तड़के बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन और उबटन लगाकर स्नान और इत्र से स्नान करवाकर शृंगार किया जाएगा। हर वर्ष भस्मारती के क्रम में रूप चतुर्दशी पर बाबा महाकाल को उबटन लगाने और शृंगार करने का क्रम भी एक पुजारी परिवार के पास रहता है। इस वर्ष पुजारी ओम गुरू के पास यह क्रम है। उनके परिवार की महिलाएं बाबा महाकाल को उबटन लगाएंगी और भस्मारती पूजन होगा। पश्चात अन्नकूट लगेगा जिसके दर्शन होंगे। गर्भगृह व परिसर में फूलझड़ी, चकरी चलाकर दीपावली मनाई जाएगी।

रूप चतुर्दशी को नरक चौदस भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन तडक़े उठकर अभ्यंग स्नान किया जाता है और उबटन लगाकर रूप को संवारा जाता है। खासकर महिलाएं इस दिन विशेष शृंगार करती हैं और अपने बड़ों के आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। प्रदेश में शनिवार को रूप चतुर्दशी मनायी जा रही है, लेकिन महाकाल मंदिर में रविवार को दीपावली के साथ रूप चतुर्दशी भी मनायी जाएगी। हिस

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