देशभर में निहारा गया सूर्यग्रहण का अद्भुत नजारा
भोपाल। साल के आखिरी सूर्यग्रहण के अद्भुत नजारे को भारत सहित दुनियाभर के कई देशों में देखा गया। 8 बजकर 17 मिनट से शुरू हुआ ग्रहण 10.56 तक रहा, जो कि अब तक का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण बताया जा रहा है।
वहीं भारत में ग्रहण काल 2:52 घंटे तक रहा। 9:30 बजे मध्य काल के बाद ग्रहण 10:56 बजे खत्म हुआ। मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, चेन्नई समेत देशभर में ग्रहण दिखाई दिया।
दुनियाभर के देशों में जहां इसे खगोलीय घटना माना जाता है, वहीं भारत में इसे आस्था के साथ जोड़ा जाता है। देर शाम को सूतक लगते ही लाखों लोगों ने पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाई। अमावस्या पर सूर्यग्रहण की यह घटना 296 वर्षों बाद घटी है।
देश में जहां केरल, गुजरात, ओडिशा में पूर्ण सूर्यग्रहण दिखाई दिया, वहीं कुछ हिस्सों में आंशिक नजर आया। अरब देशों में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों में रिंग ऑफ फायर का नजारा दिखाई दिया। भारत में गुजरात के अहमदाबाद में सूर्यग्रहण का अधिक प्रभाव देखा गया। इसी तरह ओडिशा में भी इसका ज्यादा प्रभाव देखा गया। दुनिया में सबसे पहले कतर और ओमान में सूर्यग्रहण शुरू हुआ। भारत में इसकी शुरुआत केरल से हुई।
कड़ाके की ठंड में आस्था की डुबकी
देशभर की पवित्र नदियों के घाटों पर देर रात से ही लाखों लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। सुबह आस्था की डुबकी लगाने के बाद पूजा-अर्चना और दान-पुण्य का दौर शुरू हो गया था।
सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट बंद
सूर्यग्रहण सुबह 8.17 से शुरू हुआ, लेकिन कल शाम से ही ग्रहण का सूतक शुरू हो गया था, जिसके चलते सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए थे। मंदिरों के कपाट सूतक खत्म होने के बाद अर्थात् 12 बजे खोले जाएंगे।
युवाओं में ग्रहण को लेकर उत्साह
सूर्यग्रहण का राशियों पर प्रभाव पड़ता है, लेकिन इसके विपरीत युवाओं में जबरदस्त उत्साह रहा और उन्होंने ग्लास या अन्य यंत्रों के माध्यम से इस अद्भुत नजारे को निहारा। तो वही राजधानी भोपाल के आंचलिक केंद्र में कई स्कूली बच्चों ने टेलीस्कोप के माध्यम से इस नजारे को देखा गया।
सूर्यग्रहण का खेलों पर भी पड़ा असर
सूर्यग्रहण का खेलों पर भी असर पड़ा है। इन्दौर के होलकर स्टेडियम में मध्यप्रदेश व तमिलनाडु के बीच होने वाला रणजी मैच आज 11 बजे बाद शुरू होगा, वहीं देशभर में चल रही अन्य खेल प्रतियोगिताएं भी विलंब से शुरू हुई।