मप्रः पंचायतों को प्रशासकीय अधिकार वापस, कोविड से निपटने की जिम्मेदारी भी मिली
भोपाल। मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव रद्द होने के बाद पंचायतों की प्रशासकीय समितियों के अधिकार वापस ले लिए गए थे, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने उन्हें वह अधिकार वापस दे दिए हैं। साथ ही उन्हें कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने की जिम्मेदारी भी सौंप दी है।
मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों की प्रशासकीय समितियों एवं उनके प्रधानों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र में निर्वाचित प्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह होता है। मैंने प्रशासकीय समिति बनाकर आप लोगों को जिम्मेदारी सौंपी थी। आज मैं आपको एक जिम्मेदारी सौंपना चाहता हूं। कोविड की तीसरी लहर आ चुकी है। हम सभी को फिर से मैदान में उतरना होगा।
उन्होंने कहा कि पंचायत के तीनों स्तर पर दिए गए प्रशासकीय अधिकार बीच में वापस ले लिए गए थे, जिसे आज मैं फिर से प्रदान कर रहा हूं। आप सभी को पूरी कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और समर्पण से जनता के बीच जाकर जनता के कामों को देखना है। इसमें जो कोई भी गड़बड़ी करेगा, उससे अधिकार वापस ले लिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से उपजी परिस्थितियों में हम जनता की सेवा में संकल्प और समर्पण के साथ जुट जाएं। समितियां गांव के विकास पर भी नजर बनाए रखें, उसमें भी सहयोग करें। 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के जो बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं, उनका पता लगाकर उन्हें भी टीका लगवाने की व्यवस्था करें। गांव में जो होम आइसोलेट होने वाले संक्रमित व्यक्ति हैं उनकी मदद करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत राज संस्थाओं को कर्तव्यों और अधिकारों दोनों पर ध्यान देना है। प्रदेश की जनता के कल्याण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों और निर्माण कार्यों को बिना बाधा के क्रियान्वित करने, जरूरतमंदों को रोजगारमूलक कार्यों से जोड़नें और हाल ही में कोविड की तीसरी लहर के प्रसार को रोकने में पंचायतों का पूर्ण उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तीनों श्रेणियों की पंचायतों को इसके लिए आवश्यक प्रशासकीय अधिकार दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कोविड नियंत्रण में सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि जिलों को संक्रमण की जानकारी के लिए दिए गए टेस्ट का लक्ष्य ग्राम स्तर से पूरा होगा। यदि किसी को सर्दी जुकाम, बुखार है तो तत्काल टेस्ट करवाएँ। टीकाकरण में सहयोग दें। कोई न छूटे यह आपका दायित्व है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की त्रि-स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था में प्रशासकीय समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। ये समितियाँ शासन की महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में निर्वाचित पंचायतों के गठन तक कार्यरत रहकर ग्रामीण क्षेत्र के चहुँमुखी विकास में सहायक हों, यह अपेक्षा शासन द्वारा की गई है। पंचायतों ने प्रशासकीय समितियों के गठन से अब तक सराहनीय भूमिका का निर्वहन किया है। एक सवंदेनशील विकेन्द्रित शासन व्यवस्था के अंग के रूप में बगैर किसी भेदभाव के भ्रष्टाचारमुक्त व्यवस्था के लिए समाज हित में कार्य करने की पंचायतों से अपेक्षा की गई है। जल-संरक्षण, जल-संवर्धन योजनाओं के क्रियान्वयन और स्व-सहायता समूहों को प्रेरित करने का दायित्व भी पंचायतों द्वारा पूरी ताकत से निभाया जाए।
कोविड महामारी के दौर में प्रशासकीय समितियों की भूमिका
कोविड महामारी के इस दौर में प्रशासकीय समितियों को महत्वपूर्ण भूमिका के निर्वहन का अवसर दिया गया है। गत दो वर्ष में पंचायतों ने कोविड की रोकथाम का सराहनीय कार्य किया है। ग्राम, जनपद एवं जिला पंचायत के स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट समितियां गठित कर क्वारेंटाइन और आयसोलेशन सेंटर संचालित करने का कार्य पंचायतों द्वारा किया गया है। जन-सहयोग से आवश्यक दवाओं, जरूरतमंदों को भोजन का वितरण किया गया है। पंचायतों ने आवश्यकतानुसार जनता कर्फ्यू का निर्णय लेकर लॉकडाउन से जुड़ी व्यवस्थाओं को भी सफलतापूर्वक अपने स्तर पर किया। अब एक बार फिर यह परिस्थिति बनी है कि सजग रहकर अपने आसपास के लोगों और समस्त ग्रामवासियों को सावधानी बरतने केलिए सचेत कर। उनसे कोविड गाइडलाइंस का पालन करवाएं। (एजेंसी, हि.स.)