Home » मध्य प्रदेश » मप्रः प्रधानमंत्री आवास योजना मकान बनाने का नहीं, गरीबों की जिंदगी बदलने का अभियानः शिवराज

मप्रः प्रधानमंत्री आवास योजना मकान बनाने का नहीं, गरीबों की जिंदगी बदलने का अभियानः शिवराज

👤 mukesh | Updated on:28 Jan 2022 8:18 PM GMT

मप्रः प्रधानमंत्री आवास योजना मकान बनाने का नहीं, गरीबों की जिंदगी बदलने का अभियानः शिवराज

Share Post

- मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के 3.50 लाख हितग्राहियों के खाते में सिंगल क्लिक से जारी किए 875 करोड़ रुपये

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना केवल मकान बनाने का अभियान नहीं है, बल्कि यह गरीबों की जिंदगी बदलने का अभियान है। यह अद्भुत कार्यक्रम है, गरीबों के कल्याण का मेला जारी है। सभी को बेहतर जिंदगी जीने और मुस्कुराने का अधिकार है। जब तक आपकी जिंदगी नहीं बदलेगी तब तक मैं भी चैन से नहीं बैठूंगा।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रदेश की जनता की ओर से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि प्रदेश के प्रत्येक परिवार को पक्की छत उपलब्ध कराई जाएगी। जो सबसे गरीब है और सबसे नीचे हैं, उनके लिए यह सरकार सबसे पहले है। मकान बनने तक हम इन भाई-बहनों के साथ हैं। हमारा प्रयास है कि निश्चित समय-सीमा में इनका मकान बन जाए। मुख्यमंत्री ने सभी सांसद, मंत्री साथियों सहित सभी जन-प्रतिनिधियों से अपील की कि वे जब भी ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण पर जाएँ, तो आवास योजना की भौतिक जानकारी अवश्य लें।

मुख्यमंत्री चौहान शुक्रवार को राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में तीन लाख 50 हजार हितग्राहियों को स्वीकृति नवीन आवासों के लिए उनके खाते में पहली किश्त की 875 करोड़ रुपये की राशि सिंगल क्लिक से अंतरित की। उन्होंने विभिन्न हितग्राहियों से वर्चुअली संवाद भी किया और प्रतीक स्वरूप पाँच हितग्राहियों को आवास स्वीकृति-पत्र प्रदान किए।

कार्यक्रम में जल-संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया तथा प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास उमाकांत उमराव उपस्थित थे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल सतना से वर्चुअली सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में सभी जिलों ने वुर्चअली सहभागिता की।

शासकीय योजनाओं में भ्रष्टाचार और टालमटोल बर्दाश्त नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना में जारी किश्त का पैसा मकान के लिए है। हितग्राही यह पैसा मकान में ही लगाएँ। सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक यह सुनिश्चित करें कि आवास निर्माण का कार्य समय-सीमा में पूर्ण हों। योजनाओं का पर्यवेक्षण और निगरानी प्रभावी तरीके से सुनिश्चित की जाए। हितग्राहियों को निर्माण सामग्री मिलने में असुविधा नहीं हो। राज्य सरकार अब तक 35 लाख लोगों को आवास उपलब्ध करा चुकी है। अभी जो परिवार छूटे हैं उनके मकान का सपना भी जल्द पूर्ण होगा। शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार और टाल-मटोल बर्दाश्त नहीं होगी।

प्रत्येक गाँव, कस्बे, शहर का जन्म-दिन मनाया जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी अपने गाँव, कस्बे, शहर का साल में एक दिन वैसे ही जन्म-दिन मनाएँ, जैसे हम अपना जन्म-दिन मनाते हैं। गाँव में जन्मे सभी लोग जन्म-दिवस पर एकत्र हों और अपनी जन्म-भूमि के विकास की रूपरेखा तय करें। उन्होंने कहा कि हम हमारे गृह ग्राम जैत का जन्म-दिन नर्मदा जयंती पर मनाएंगे। उन्होंने लोगों से आँगनबाड़ी गोद लेने की अपील करते हुए कहा कि जो व्यक्ति आर्थिक रूप से सक्षम हैं, वह आँगनबाड़ी गोद लेकर बच्चों के पोषण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने भी दो आँगनवाड़ी गोद ली हैं।

दो लाख रोजगार प्रतिमाह

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले तय किया था कि प्रतिमाह एक लाख स्व-रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। अब इस लक्ष्य को बढ़ाकर 2 लाख प्रतिमाह कर दिया गया है। बैंकों से हम युवाओं को ऋण दिलाकर उनके उद्यमी बनने का सपना साकार करेंगे।

हर बहन की आमदनी कम से कम 10 हजार रुपये प्रतिमाह हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हमने सिर्फ आवास ही नहीं बनाए हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली, बिजली, स्कूल, रोजगार, हर घर में नल से जल, गैस कनेक्शन, आयुष्मान कार्ड, विभिन्न पेंशन योजनाओं के माध्यम से प्रदेशवासियों की जिन्दगी बदलने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। स्व-सहायता समूहों को सशक्त कर ग्राम स्तर पर आय बढ़ाने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि हर बहन की आमदनी कम से कम 10 हजार रुपये प्रति महीना हो। ग्राम स्तर पर विभिन्न व्यवसायों में लगे व्यक्तियों को आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर उनकी आय में वृद्धि संबंधी कार्य-योजना पर भी राज्य सरकार विचार कर रही है।

धरती को जीने योग्य बनाने के लिए जरूरी है पौध-रोपण

उन्होंने कार्यक्रम में जुड़े सभी व्यक्तियों से पौध-रोपण की अपील की। उन्होंने कहा कि पेड़ हैं तो धरती पर जिंदगी है, धरा को हरा-भरा और समृद्ध बनाने में अपना योगदान दें। पौध-रोपण कर हम अगली पीढ़ी के लिए धरती को जीने योग्य बनाने का कार्य कर रहे हैं। (एजेंसी, हि.स.)

Share it
Top