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बडगाम में सेना की गोली से एक मरा, कई जख्मी

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:21 July 2017 7:35 PM GMT

बडगाम में सेना की गोली से एक मरा, कई जख्मी

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अनिल एस साक्षी

श्रीनगर। कश्मीर वादी के बडगाम के बीरवाह में एक युवक की उस समय सेना की गोलीबारी में मौत हो गई जब वे सेना के गश्ती दल पर पत्थर फैंक रहे थे। गोलीबारी में कई अन्य जख्मी भी हुए हैं। इस बीच सुरक्षाबलों ने श्रीनगर में 'कर्फ्यू' लगा कर अलगाववादियों के 'यूएनओ चलो' के आ"ान को नाकाम बना दिया।
कश्मीर के बडगाम जिले के बीरवाह इलाके में आज पथराव कर रहे युवकों के एक समूह पर सुरक्षाबलों द्वारा की गई गोलीबारी में एक 18 वर्षीय किशोर की मौत हो गयी और कई अन्य व्यक्पि घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आज दोपहर के बाद बीरवाह शहर में 53 राष्ट्रीय राइपल्स के वाहनों पर लोगों के एक समूह ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। उन्होंने बताया कि सैनिकों ने पथराव कर रहे लोगों को तितर बितर करने के लिये कथित तौर पर गोली चला दी जिसमें दो व्यक्पि घायल हो गए।अधिकारी ने बताया कि घायलों में से एक व्यक्पि तनवीर अहमद वानी की मौत हो गयी जबकि एक अन्य घायल व्यक्पि को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि युवक की मौत के बाद बीरवाह शहर और आस-पास के इलाकों में स्थिति तनावग्रस्त हो गई है।यह हादसा ऐसे वक्प में हुआ है जब गृह मंत्रालय ने लिखित रूप में राज्य सभा को बताया कि 2016 में पत्थरबाजी की जो घटनाएं लगातार बढ़ रही थीं, उनमें 2017 में कमी आई। बताया गया कि 2016 में पत्थरबाजी के 2,808 केस हुए जो कि 2017 में घटकर 664 रह गए। 2016 में पत्थरबाजी की घटनाओं के दौरान 8,932 लोग जख्मी हो गए थे वहीं 85 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। दूसरी ओर अलगाववादियों द्वारा बंद और स्थानीय यूएनओ आपिस तक रैली निकालने की घोषणा करने के बाद अधिकारियों ने आज कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए श्रीनगर के कुछ कई हिस्सों में 'कर्फ्यू' लगा दिया था।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के आठ थाना क्षेत्रों में कड़े प्रतिबंध लगाए गए थे। उन्होंने बताया कि खानयार, नौहट्टा, रैनावारी, एमआर गंज, सपाकदल, मैसूमा, कराल खुद और राम मुंशी सिंह थाना क्षेत्रों में प्रतिबंध लगाए गए थे। अधिकारियों ने कहा कि अलगाववादियों के सोनावार स्थित भारत और पाकिस्तान में संयुक्प राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) के कार्यालय तक रैली निकालने और बंद की घोषणा के बाद कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियाती तौर पर लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाए गए थे। उन्होंने बताया कि यूएनएमओजीआईपी कार्यालय की ओर जाने वाले मार्गों को बंद कर दिया गया था और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए घाटी के सभी संवेदनशील स्थानों पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए थे।
हुर्रियत कॉनप्रेंस के दोनों भिन्न धड़ों के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी तथा मीरवाइज उमर पारूक और जेकेएलएप के प्रमुख यासीन मलिक सहित अलगाववादियों के बंद की घोषणा करने के बाद घाटी में सामान्य जन जीवन प्रभावित हुआ था। अधिकतर दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। वाहन भी सड़क से नदारद रहे। निजी शैक्षणिक संस्थान भी बंद रहे।इस दौरान कश्मीर में रेल सेवा आज पिर से स्थगित कर दी गई है। दरअसल आज अलगाववादियों के नेतृत्व में कश्मीरी लोग एक रैली निकाल रहे हैं। ऐसे में विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा कारणों से रेल सेवा बंद रखने का फैसला किया है। वहीं घाटी में रेल सेवा बाधित होने से आम जनता को कापी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल घाटी में रेल यातायात का सबसे लोकप्रिय, सस्ता और सुगम साधन है। लेकिन घाटी में आए दिन होते विरोध प्रदर्शनों से रेल सेवाएं बाधित होने से आम जनता को ही इसका नुकसान उठाना पड़ता है।
पिछले एक साल के दौरान 6 माह रेल सेवा बंद रही है। ऐसे में इन विरोध प्रदर्शनों से आम जनता को होने वाली परेशानी को आसानी से समझा जा सकता है।

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