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ट्रेन हादसे में रेलवे ने मानी गलती

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:20 Aug 2017 4:15 PM GMT

ट्रेन हादसे में रेलवे ने मानी गलती

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विशेष प्रतिनिधि

नई दिल्ली। रेलवे ने आज संकेत दिया किया उत्कल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के पीछे की वजह लापरवाही हो सकती है। एक वरिष्" अधिकारी ने कहा कि जांच यह सुनिश्चित करेगी कि क्या पटरियों पर मरम्मत का काम बिना इजाजत के हो रहा था।रेलवे बोर्ड के सदस्य यातायात मोहम्मद जमशेद ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं था कि उस जगह पर किस तरह का काम हो रहा था।
उन्होंने यहां मीडिया को बताया, हालांकि, पटरियों पर होने वाले किसी भी तरह के काम के लिये एक नियमावली का पालन किया जाता है। हमारे यहां मरम्मत कार्यों के लिये नियमावली है जो रेलवे से जुड़ी किसी भी आधारभूत संरचना के काम के लिये दिशानिर्देश तय करती है। उन्होंने कहा कि जांच यह सुनिश्चित करेगी कि क्या पटरी पर मरम्मत का काम किया जा रहा था और ऐसा है तो क्या नियमों का पालन किया गया।रेलवे के सुरक्षा आयुक्त शैलेष कुमार पा"क द्वारा कल जांच शुरू की जायेगी। वह हर कोण से देखेंगे कि क्या यह तोड़फोड़ है, तकनीकी चूक या मानवीय गलती । खतौली में घटनास्थल पर पहुंचे जमशेद ने कहा कि उन्होंने पटरियों पर मरम्मत के औजार देखे हैं। इस हादसे में 21 लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने कहा, बातचीत का एक ऑडियो क्लिप भी है जिसकी हम जांच करेंगे। इसके साथ ही जब हमने मौके का निरीक्षण किया हमने वहां रेलवे के कुछ उपकरण देखे जिनका इस्तेमाल पटरियों की मरम्मत के लिये किया जाता है। जमशेद ने कहा, जब भी इस तरह की बड़ी दुर्घटनायें होती हैं डिब्बे टूट जाते है, पलट जाते हैं, पटरी से उतर जाते हैं, एक दूसरे पर चढ़ जाते हैं। इस मामले में 200 मीटर पटरी पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। इसकी भी विस्तार से जांच की जायेगी। सभी कदम उ"ाये जा रहे हैं और हर चूक पर संज्ञान लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे पुलिस ने खतौली में इस संबंध में एक मामला दर्ज कराया है जिसमें शरारत की वजह से रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, लापरवाही के कारण जान जाना, गंभीर चोट पहुंचाना, जान और व्यक्तिगत सुरक्षा को जोखिम में डालना आदि शामिल है।मरम्मत के लिये रेलवे द्वारा अपनायी जाने वाली प्रक्dिरया का विवरण देते हुये जमशेद ने हैरानी जताई कि क्या इस मामले में ऐसा हुआ।उन्होंने कहा, स्थायी आधारसंरचना जिस पर रेल नेटवर्क चलता है जैसे पटरियां, उपरी उपकरण और सिग्नल का तय कार्यक्dरम के मुताबिक नियमित रखरखाव होता है। संचालन के दौरान पटरियों का रखरखाव उन्हें जरूरत के हिसाब से बंद करके किया जाता है जिसके लिये समय और कार्यक्dरम तय होता है। इस काम के लिये लिखित में अनुमति की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि कई बार मरम्मत का काम आपातकालीन आधार पर जरूरी होता है, लेकिन इसके बावजूद, अगर अगले स्टेशन को सूचित किया जाता है तो आने वाली ट्रेनों को रोक दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जायेगी कि क्या इन प्रोटोकॉल का इस बार पालन किया गया था।

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