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पहले आए थे दरिया में तैर कर अबकी बार नाव का लिया था सहारा आतंकियों ने
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अनिल एस साक्षी
श्रीनगर। इस बार आतंकियों ने एलओसी पर स्थित दरिया जेहलम को पार करने के लिए नाव का सहारा लिया था। अधिकारियों को इसके प्रति कोई उम्मीद नहीं थी कि फिदायीन एलओसी को पार करने की खातिर यूं नाव का सहारा लेकर इस ओर अपने इरादों की पूर्ति के लिए चले आएंगें। हालांकि कुछ अरसा पहले कुछ आतंकी दरिया चिनाब में तैर कर इस ओर चले आए थे जिन्हें बाद में मार गिराया गया था।
भारतीय सेना ने 15 जनवरी को उत्तरी कश्मीर में एलओसी से सटे उड़ी सेक्टर( बारामुल्ला) में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के पांच आतंकियों को मार गिराया था। अब सेना को उनकी वह रबर बोट मिल गई है, जिसके सहारे आतंकियों ने जेहलम दरिया पार किया था। गौरतलब है कि ये आतंकी 18 सितंबर, 2016 को उड़ी ब्रिगेड मुख्यालय पर हुए हमले जैसी वारदात करने की फिराक में थे। इसके अलावा आतंकियों का निशाना उड़ी में एनएचपीसी-1 व 2 प्रोजेक्ट भी था। सेना के जवानों ने आतंकियों को उद्यम दुलांजा गांव के बाहरी छोर पर भीम पोस्ट के सामने घेरा, जो भारत-पाकिस्तान के बीच स्थित अमन कमान सेतु से लगभग तीन किलोमीटर दूर है। मुठभेड़ तड़के तीन बजे शुरू हुई थी, जो सुबह आठ बजे तक चली।
इस मुठभेड़ को लेकर सेना की तरफ से ये बताया गया था कि आतंकियों ने रबर की किश्ती में बैठ कर जेहलम को पार किया था। किश्ती में चार आतंकी सवार थे, जबकि पांचवां झेलम पार ही था। अब दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना को पहले से ही इन आतंकियों की घुसपैठ की खुफिया सूचना थी। इसी आधार पर सेना ने नाका लगाया हुआ था। जैसे ही आतंकी अंदर घुसने लगे। वैसे ही जवानों से उनका सामना हो गया। जवानों ने उन्हें आत्मसमर्पण के लिए ललकारा, लेकिन आतंकियों ने फायरिंग कर दी। जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसमें पांचों आतंकी मारे गए।
जिस नाव का इस्तेमाल आतंकियों ने भारत में घुसने किया था, उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। सेनाधिकारियें के मुताबिक, यह नाव अभी भी जेहलम दरिया में तैरती दिखाई दी है। सेना ने यह फोटो जारी की है जिसका इस्तेमाल उड़ी सेक्टर में घुसपैठ के लिए आतंकियों ने किया था। फोटो में नाव जेहलम के पानी में तैरती दिखाई दे रही है। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी एसपी वैद ने सोमवार को सूचना दी कि जम्मू कश्मीर के उड़ी सेक्टर में घुसपैठ करने के संभावित प्रयासों के बारे में सुरक्षा बलों को पहले से ही इशारा किया गया था।
बता दें कि 15 जनवरी को उड़ी सेक्टर में घुसपैठ कर रहे 5 आतंकियों को सेना ने मार गिराया था, फिर एलओसी के कोटली में जवाबी गोलीबारी के दौरान 7 पाकिस्तानी सेना के जवानों को ढेर किया था।
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