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ब्राह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:21 May 2018 2:41 PM GMT

ब्राह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

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बालेश्वर (ओडिशा) (भाषा)। भारत ने ओडिशा के तट पर स्थित परीक्षण रेंज से भारत रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का आज सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण इस मिसाइल की कुछ नई विशेषताओं की पुष्टि करने के लिए किया गया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संग"न (डीआरडीओ) के अधिकारियों ने बताया कि यहां नजदीक में चांदीपुर के आईटीआर के प्रक्षेपण पेड 3 पर मोबाइल लांचर से सुबह 10ः40 मिनट पर मिसाइल को प्रक्षेपित किया गया। अधिकारी ने बताया कि यह परीक्षण डीआरडीओ और टीम ब्रह्मोस द्वारा पहली बार भारत में विकसित जीवन विस्तार प्रोद्योगिकियों की पुष्टि करने के लिए किया गया था।

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रह्मोस मिसाइल का नई प्रौद्योगिकी के साथ आज सफल परीक्षण करने के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और टीम ब्रह्मोस को बधाई दी।
निर्मला के दफ्तर ने ट्विटर पर पोस्ट किया, निर्मला सीतारमण ब्रह्मोस मिसाइल के जीवन विस्तार की पुष्टि करने के लिए बालेश्व्र के आईटीआर से 21 मई 2018 को सुबह 10 बजकर 40 पर सफल परीक्षण के लिए टीम ब्रह्मोस और डीआरडीओ को बधाई देती हैं। इन प्रौद्योगिकियों को पहली बार भारत में विकसित किया गया है।
इसने कहा कि सफल परीक्षण के नतीजतन भारतीय सशस्त्र बलों के भंडार में रखी मिसाइलों की जगह दूसरी मिसाइलें लाने पर आने वाली लागत में भारी बचत होगी।
डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने कहा कि दो चरणों वाली मिसाइल को पहले ही थल सेना और नौसेना में शामिल किया जा चुका है। इसके साथ ही वायु सेना के संस्करण का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है।
इन दो चरणों वाली मिसाइलों में पहली "ाsस है जबकि दूसरी रैमजेट तरल प्रणोदक है।
उन्होंने बताया कि ब्रह्मोस के संस्करणों को भूमि, वायु, समुद्र और जल के अंदर से दागा जा सकता है। भारत ने पहली बार नवंबर 2017 में बंगाल की खाड़ी में सुखोई -30 एमकेआई लड़ाकू विमान से दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को सफलतापूर्वक प्राक्षेपित किया था।

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