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पांच साल में 586 रेल दुर्घटनाएं, 53 प्रतिशत पटरी से उतरने के कारण

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:20 Aug 2017 4:10 PM GMT

पांच साल में 586 रेल दुर्घटनाएं, 53 प्रतिशत पटरी से उतरने के कारण

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नई दिल्ली, (भाषा)। उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटना सहित पिछले पांच साल में देश में 586 रेल दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें से करीब 53 प्रतिशत घटनाएं ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण हुईं।

रेलवे के सुरक्षा ढांचे को बेहतर बनाने के प्रयासों के बावजूद ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के पास कल शाम त्र्उत्कल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसमें 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 156 अन्य घायल हो गए। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच साल में 586 रेल दुर्घटनाएं हुई हैं और इनमें से 53 प्रतिशत घटनाओं का कारण ट्रेन का पटरी से उतरना रहा है। नवंबर 2014 से अभी तक 20 रेल दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें से कई मामूली घटनाएं थीं।सबसे भीषण दुर्घटना 20 नवंबर 2016 को इंदौर-पटना एक्सप्रेस के कानपुर के पास पटरी से उतरने की थी, जिसमें 150 लोग मारे गए और 150 से अधिक लोग घायल हुए। ट्रेन कानपुर की बाहरी सीमा स्थित पुखरायां स्टेशन से थोड़ी दूर जाते ही पटरी से उतर गई थी। ट्रेन में क्षमता से अधिक लोगों के भरे होने और रेल लाइन में दरार होने सहित दुर्घटना के लिए कई चीजों को जिम्मेदार "हराया गया। बारह सितंबर 2015 को छोटी लाइन पर चलने वाली ट्रेन स्त्रशिवालिक द्रीन पटरी से उतर गई थी। यह कालका से शिमला के बीच चलती है। ट्रेन में 36 ब्रिटिश पर्यटक और एक पर्यटक गाइड सवार थे। हादसे में दो पर्यटकों की मौत हो गई थी और अन्य 15 लोग घायल हो गए थे। सिकंदराबाद जंक्शन -मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनस दुरंतो एक्सप्रेस के नौ डिब्बे कर्नाटक के कलबुर्गी में 12 सितंबर 2015 को पटरी से उतर गए थे। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी और सात अन्य लोग घायल हो गए थे। मध्य प्रदेश में 4 अगस्त 2015 को हुई दोहरी रेल दुर्घटना में 31 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। त्र्कामायनी एक्सप्रेस और जनता एक्सप्रेस दोनों ही पटरी से उतर गई थीं। राउरकेला-जम्मू तवी मूरी एक्सप्रेस 25 मई 2015 को उत्तर प्रदेश के कौशांबी में पटरी से उतर गई थी। हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। देहरादून-वाराणसी जनता एक्सप्रेस 20 मार्च 2015 को रायबरेली जिले में पटरी से उतर गई थी, जिसमें 58 लोगों की मौत हुई थी और 150 से अधिक लोग घायल हुए थे। तेरह फरवरी 2015 को बेंगलूरू की बाहरी सीमा पर त्र्बैंगलूरू-एर्नाकुलम इंटरसिटी एक्सप्रेस के नौ डिब्बों के पटरी से उतरने से 10 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 150 अन्य घायल हो गए थे।

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