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डोकलाम के उत्तरी हिस्से पर चीन ने किया कब्जा, सैटलाइट इमेज में दिखे 7 हेलिपैड
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नई दिल्ली , डोकलाम के उत्तरी हिस्से में चीन के सैनिकों की मौजूदगी के बीच आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि हम भी इलाके में मौजूद हैं। अगर वे आए तो हम उनका सामना करेंगे। सैटलाइट तस्वीरों के हवाले से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन डोकलाम क्षेत्र के उत्तरी हिस्से में 7 हेलीपैड बना चुका है। हथियारों से लैस वाहन भी उसने इस क्षेत्र में तैनात कर रखे हैं। सैनिकों की मौजूदगी से कुछ दूरी पर भारी मात्रा में सड़क बनाने वाली सामग्री भी मौजूद है। तस्वीरों में इन वाहनों का होना इस ओर संकेत देता है कि चीन वहां पर आगे सड़क बनाने की कोशिश कर सकता है। ये तस्वीरें जनवरी की बताई गई हैं। पिछले साल 16 जून को डोकलाम में सड़क बनाने पर दोनों देशों का विवाद 73 दिन चला था।
सैटलाइट तस्वीरों के मुताबिक डोकलाम के कई इलाकों में बड़ी संख्या में चीनी टैंक भी मौजूद हैं। वहां पर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, टैंक्स, आर्मर्ड वीइकल्स, ऑर्टिलरी सहित कई अन्य सैन्य उपकरणों की मौजूदगी पाई गई है। कुछ जगहों पर बड़ी संख्या में हथियारों की तैनाती देखी जा सकती है। इस बीच सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने कहा है कि चीनी सेना द्वारा डोकलाम में जो निर्माण हुए हैं, उनमें से ज्यादातर अस्थायी हैं।
बुधवार को एक कार्यक्रम में जनरल रावत ने कहा कि डोकलाम के उत्तरी क्षेत्र में चीन के सैनिक बने हुए हैं, लेकिन पहले जितनी संख्या में नहीं है। वहां कुछ इन्फ्रस्ट्रक्चर विकसित किया गया है, जिसमें ज्यादातर अस्थायी है। सेना प्रमुख ने कहा कि चीनी सैनिक लौंटेंगे या नहीं, इस बारे में कोई अंदाजा ही लगा सकता है या फिर हो सकता है कि सर्दियों के कारण वे उपकरण नहीं ले जा सके।
जनरल रावत ने यह भी कहा कि तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच व्यवस्था अच्छी तरह काम कर रही है। डोकलाम के बाद बॉर्डर पर्सनल मीटिंग भी शुरू हो गई है। लगातार मीटिंग में ग्राउंड लेवल पर संवाद हो रहा है। भारत और चीन के बीच सद्भाव की स्थिति वहीं लौट आई है, जो डोकलाम विवाद शुरू होने के पहले हुआ करती थी। उनके मुताबिक फिलहाल बहुत गंभीर समस्या की स्थिति नहीं दिखाई देती है। लेकिन तैयारी हमेशा रखनी पड़ती है।
जनरल रावत ने हाल में कहा था कि भारत को अपना फोकस पाकिस्तान से हटाकर चीन की ओर करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर प्रेशर बना रहा है। चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने जनरल रावत के हाल के बयानों पर ऐतराज करते हुए कहा है कि भारत राजनयिक मामलों में अपरिपक्व है और चीन की सेना उसे कड़ी सजा दे सकती है। रक्षा जानकार ब्रह्म चेलानी का कहना है कि चीन के सरकारी मीडिया की इस भाषा पर हैरत नहीं होनी चाहिए। डोकलाम विवाद के बाद यह सामान्य स्थिति बन गई है।
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