Home » देश » जेवर हवाई अड्डे को मिली केंद्र की हरी झंडी

जेवर हवाई अड्डे को मिली केंद्र की हरी झंडी

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:24 Jun 2017 5:36 PM GMT

जेवर हवाई अड्डे को मिली केंद्र की हरी झंडी

Share Post

विशेष प्रतिनिधि

नई दिल्ली। सरकार ने ग्रेटर नोएडा के जेवर में एक नये अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के प्रस्ताव को मंजूरी दी है जहां अगले 5-6 साल में परिचालन शुरू हो जाएगा और इसकी क्षमता प्रति वर्ष 3-5 करोड़ यात्री संभालने की होगी। यह दिल्ली हवाईअड्डे के भार को भी कम करेगा।

नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने यहां संवाददाताओं को बताया कि प्रस्तावित हवाईअड्डे के लिए त्र्सैद्धांतिक मंजूरी स्त्र् दे दी गई है।राजू ने कहा कि यमुना एक्सप्रेस औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाईअड्डे के लिए 3,000 हेक्टेयर भूमि को अधिसूचित किया है।हवाई अड्डे के विकास के पहले चरण में कुल भूमि में से करीब 1000 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा जिस पर करीब 2000 करोड रुपये खर्च होंगे। इस हवाई अडडे के निर्माण में कुल 15 से 20 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। नागर विमानन सचिव आर. एन. चौबे ने कहा नोएडा की मेट्रो सेवा को जेवर तक विस्तार दिया जा सकता है ताकि हवाईअड्डे से बेहतर संपर्क स्थापित किया जा सके। राज्य सरकार इस योजना पर बहुत बल दे रही है, इसके चलते केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से इस क्षेत्र में सड़कों की स्थिति बेहतर करने और बहु-स्तरीय संपर्क सुविधाएं देने के लिए कहा है। एनसीआर में दूसरे हवाईअड्डे की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर यात्राियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

अभी दिल्ली हवाईअड्डे का प्रतिवर्ष 6.2 करोड़ यात्री इस्तेमाल करते हैं जिसे चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर 10.933 करोड़ किया जाना है। हालांकि सरकार के हिसाब से इस आंकड़े तक पहुंचने में सात साल का समय लगेगा लेकिन एनसीआर में दूसरे हवाईअड्डे की जरूरत बनी हुई है। नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा, अगले सात साल में दिल्ली हवाईअड्डे से उड़ान भरने वालों की संख्या 10.9 करोड़ हो जाएगी जो इसकी क्षमता पर बोझ की तरह हो जाएगा। इसलिए एनसीआर के संपर्क को बनाए रखने की जरूरत हो देखते हुए यहां दूसरे हवाईअड्डे की जरूरत है और नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा इसी जरूरत को पूरा करेगा।

राजू ने कहा सरकार जीएमआर के साथ परिचालन प्रबंधन व विकास समझौते ःओएमडीएः का आदर करेगी। इस समझौते के अनुसार अगर किसी मौजूदा हवाईअड्डे के 150 किलोमीटर के दायरे में कोई नया हवाईअड्डा बनता है तो जीएमआर के पास त्र्पहले इंकार का अधिकार स्त्र् रहेगा। गौरतलब है कि जीएमआर, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ मिलकर दिल्ली हवाईअड्डे का परिचालन करती है।

जेवर हवाईअड्डे की 3-4 करोड़ यात्राियों को प्रतिवर्ष संभालने की क्षमता उसे मुंबई हवाईअड्डे के समकक्ष ले जाएगी जो प्रति वर्ष 4.5 करोड़ यात्राियों को सेवा देता है।

सिन्हा ने कहा कि इस नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे से पश्चिम उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, वृन्दावन, मुजफ्फरनगर, मेर", अलीगढ, बुलंदशहर तथा मुरादाबाद सहित एनसीआर क्षेत्र में हवाई संपर्क बढ़ेगा।

चौबे ने कहा कि पहला चरण 5-6 साल में हकीकत होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को भरोसा दिलाया है कि किसान इस परियोजना के लिए बातचीत के आधार पर जमीन देने को तैयार हैं।

वहीं लखनउढ में उत्तर प्रदेश के नागर विमानन मंत्री नंद गोपाल नंदी और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज यहां एक संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया कि नोएडा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडा बन जाने से इस क्षेत्र में औदयोगिक निवेश बढ़ेगा। बहुराष्ट्रीय कंपनी सैमसंग यहां निवेश कर रही है उस जैसी कंपनियों को अपना व्यवसाय बढाने में काफी मदद मिलेगी। इसी तरह प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग फार्मास्युटिक्ल पार्क बनाने की योजना इस क्षेत्र में कर रहा है उसे भी इस हवाई अडडे से काफी मदद मिलेंगी।

Share it
Top