राज्य की त्रिवेंद्र सरकार के 100 दिन
वीर अर्जुन संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार 25 जून को 100 दिन पूरे कर रही है। इन 100 दिन में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार की प्राथमिकता क्या है और वह किस दिषा में आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एक सरल एवं सहज व्यक्तित्व के मुख्यमंत्री है। प्रदेष की कमान संभालते ही अपनी प्राथमिकता स्पश्ट करते हुए श्री त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों को स्पश्ट निर्देश दिये गये कि सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और षिक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। किसी भी प्रदेष के विकास में वहां के आधारभूत अवस्थापना सुविधाओं का अहम योगदान होता है। राज्य ग"न के बाद से यह पहला मौका है, जब किसी सरकार ने अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर फोकस किया है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सबसे पहले इसी दिषा में अपने कदम बढ़ाये। उनके इस प्रयास में केन्द्र सरकार का भी पूरा सहयोग मिला। जिसका परिणाम यह रहा कि राज्य के महत्वपूर्ण स्थलों को रेल सेवा से जोड़ने की योजना पर कार्य षुरू हो गया है। पहले ऋशिकेष से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन की घोशणा हुई थी, लेकिन सरकार के प्रयासों से अब यह परियोजना बद्रीनाथ धाम व सोनप्रयाग तक स्वीकृत हो चुकी है। इसके साथ ही मुज्जफरनगर-देवबंद के मध्य भी रेल लाइन षीघ्र पूरी होने वाली है। इन सब प्रयासों को यदि देखा जाय तो आने वाले समय में दिल्ली से जोषीम" तक सीधी रेल सेवा प्रदेशवासियों के साथ ही देष-विदेश से आने वाली तीर्थ यात्रियों को मिल सकेंगी। यह रेल परियोजना उत्तराखण्ड के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। केन्द्र सरकार ने स्थानीय युवाओं को रोजगारपरक प्रषिक्षण देने एवं उनकी आजीविका के साधनों को बढ़ाने लिये कौषल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय का क्षेत्रीय कार्यालय भी देहरादून में खोलने का निर्णय लिया है। यह प्रथम अवसर होगा जब इस मंत्रालय का क्षेत्रीय कार्यालय दिल्ली से बाहर खोला जायेगा।मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने एक और अहम कदम उ"ाया है, जिसके तहत लोक निर्माण, पेयजल, जल संस्थान, सिंचाई, ग्रामीण अभियंत्रण जैसे विभागों को उनके नियमित बजट के अतिरिक्त 250 करोड़ रुपये की धनराषि स्वीकृत की गई है। इसके पीछे सरकार की मंषा है कि बजट के अभाव में छोटे-छोटे कार्य बाधित होते है, उन्हें पूरा किया जा सके। लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये गये है कि 250 करोड़ के अतिरिक्त बजट से पुल एवं संपर्क मार्ग आदि का निर्माण किया जायेगा, जबकि जल संस्थान व पेयजल विभाग को निर्देश दिये गये है कि पौड़ी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, देहरादून, नैनीताल जैसे जनपदों में बड़े-बड़े बहुद्देषीय जलाशय बनाये जाय। इससे क्षेत्रों में पेयजल व सिंचाई की समस्या का समाधान हो सकेगा।राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को अपनी षीर्श प्राथमिकता में रखा है, जिसके लिए राज्य ग"न के बाद पहली बार ऐसा निर्णय लिया गया, जिसमें मैदानी क्षेत्रों में वर्शों से तैनात डॉक्टरों को पहाड़ों पर भेजा गया है। इसके साथ ही सरकार द्वारा षीघ्र ही 200 डॉक्टरों के पदों पर भर्ती प्रािढया षुरू करने जा रही है। इसके लिए चिकित्सा चयन बोर्ड के माध्यम से कार्य किया जा रहा है।