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कोटाबेराज से छोड़े गए पानी से चंबल में बढ़ा खतरा

👤 Veer Arjun | Updated on:14 Sep 2019 12:09 PM GMT

कोटाबेराज से छोड़े गए पानी से चंबल में बढ़ा खतरा

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मुरैना । मध्यप्रदेश के मालवा अंचल तथा राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही भारी वर्षा का प्रभाव चम्बलांचल के भिण्ड मुरैना-श्योपुर में दिखाई देने लगा है। मुरैना जिले से गुजर रहे आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 3 के चम्बल राजघाट के पुराने पुल के ऊपर पानी देर रात तक आने की प्रबल संभावना है, क्योंकि शनिवार सुबह से ही राजस्थान के कोटा बेराज से 5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है जो दोपहर बाद 4 बजे साढ़े 6 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया है। इस पानी का असर रात में मुरैना में दिखाई देगा।

जिला प्रशासन तथा पुलिस द्वारा चम्बल के किनारे पर बसे एक सैकड़ा गांवों को हाईअलर्ट कर दिया गया है। ग्रामीणों को सर्तक रहने की सूचनायें दी जा रहीं हैं। विदित हो कि मालवा में स्थित महात्मा गांधी सागर डेम के 19 गेट पूरे खोल दिये जाने से मध्यप्रदेश राजस्थान के संयुक्त बांध जवाहर सागर, प्रताप सागर तथा कोटाबेराज में क्षमता से अधिक पानी आ गया है। इसलिये 13 सितंबर की सुबह 8 बजे कोटाबेराज के 16 गेट खोलकर 334127 क्यूसेक पानी रिलीज किया जो रात 8 बजे 453653 क्यूसेक पर पहुंच गया। निरंतर बारिश के कारण शनिवार सुबह 9 बजे 529614 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। धीरे-धीरे गेट खोलते हुये दोपहर 3 बजे 594216 क्यूसेक तक पहुंच गया। शाम 4 बजे 6 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी कोटाबेराज से छोड़ा जा रहा है। कोटाबेराज से छोडे गये पानी का असर मुरैना के चम्बल राजघाट पर 24 घंटे में देखने को मिलेगा, हालांकि पानी के बढ़ते वेग के कारण देर रात में भी पुराने पुल के ऊपर पानी आ सकता है।

मुरैना के पुलिस अधीक्षक डा. असित यादव ने चम्बल नदी के तटीय गांवों के घाटों पर पुलिस बल निगरानी के लिये तैनात कर दिया गया है। रेस्क्यू दल भी सभी तहसीलों पर सर्तक कर दिये गये हैं। ऐसा माना जा रहा है कि देर रात पानी की मात्रा कोटाबेराज से और बढ़ाई जा सकती है। वर्तमान में भी ग्रामीण सामग्री के साथ-साथ पशुधन भी पानी में मृत अवस्था में बह रहा है। चम्बल नदी के ऊपर मध्यप्रदेश राजस्थान की सीमा पर तीसरी रेल लाइन के लिये पुल निर्माण करने वाले पांच मजदूर कंटेनर सहित पानी के बहाव में आज सुबह बह गये।

इन मजदूरों की किस्मत थी कि कंटेनर पानी में डूबा नहीं। तेज बहाव के कारण 15 किलोमीटर तक यह कंटेनर बहता हुआ चला गया। निर्माण कम्पनी की मोटरबोट ने इसका पीछा कर मध्यप्रदेश के वीलपुल कुथियाना घाट पर नदी के बीचोंबीच कंटेनर को रोका, तेज बहाव के अनुसार मोटरबोट से कंटेनर को खींचकर राजस्थान के किनारे पर ले जाया गया।

विदित हो कि मुरैना जिले में चम्बल नदी के किनारे एक सैकड़ा से अधिक गांव ऐसे हैं जो नदी में पानी बढऩे पर टापू बन जाते हैं। मुरैना के एडीएम एसके मिश्रा ने जिले के सभी एसडीएम तथा राजस्व अधिकारियों को इन गांवों की निगरानी करवाने के साथ-साथ समय-समय पर जानकारी लेने के निर्देश दिये हैं। आवश्यकता पडऩे पर ग्रामीणों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाये जाने की व्यवस्था की जा रही है। एजेंसी

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