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गैंगवार में साथी लवलेश कोल के साथ मारा गया यूपी-एमपी का मोस्ट वॉन्टेड बबली कोल

👤 Veer Arjun | Updated on:16 Sep 2019 9:50 AM GMT

गैंगवार में साथी लवलेश कोल के साथ मारा गया यूपी-एमपी का मोस्ट वॉन्टेड बबली कोल

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चित्रकूट । उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में आतंक का पर्याय बना सात लाख का कुख्यात इनामी डकैत बबली कोल गैंग के साथी दो लाख के इनामी डकैत लवलेश कोल के साथ मध्य प्रदेश के धारकुंडी थाना क्षेत्र के लेदरी के जंगलों में गैंगवार में मारा गया। दुर्दांत डकैतों को मौत के घाट उतारने वाले लोली पटेल ने मध्य प्रदेश पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया है। उधर, मध्य प्रदेश पुलिस ने मुठभेड़ में दस्यु दस्यु बबली कोल और लवलेश कोल के मारे जाने का दावा किया है। दोनों खूंखार डकैतों के शव भी बरामद कर लिए गए हैं।

विंध्य पर्वत श्रृंखला के मध्य स्थित पाठा क्षेत्र पिछले पांच दशक से दुर्दांत डकैतों की शरण स्थली रही है। पांच लाख के कुख्यात इनामी डकैत ददुवा, ठोकिया, रागिया और बलखड़िया आदि डकैतों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद यूपी और एमपी के सीमावर्ती चित्रकूट और सतना समेत आसपास के जिलों में भय और आतंक का खात्मा होने की उम्मीद जगी थी लेकिन दस्यु बलखड़िया के बाद गैंग की कमान संभालने वाले चित्रकूट जिले के मारकुंडी थाना क्षेत्र के ग्राम डोडामाफी गांव निवासी बबली कोल ने फिर से पाठा के बीहड़ में बंदूक की दम पर बहुत जल्द फिर से आतंक का साम्राज्य कायम कर लिया था। कई वर्षों से सरकारी कार्यों में कमीशन, अपहरण और डकैती आदि की जघन्य वारदातों के चलते बबली कोल देखते ही देखते सात लाख का कुख्यात इनामी डकैत बन गया था। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की पुलिस कई वर्षों से लगातार इस मोस्ट वांटेड डकैत को मार गिराने के लिए जंगलों की खाक छान रही थी।

मध्य प्रदेश के रीवां आई जी चंचल शेखर ने बताया कि रविवार की शाम सतना जिले के धारकुंडी थाना क्षेत्र के लेदरी जंगल में हुई मुठभेड़ में बबली कोल दो लाख के कुख्यात डकैत लवलेश कोल के साथ मारा गया है। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में मारे गये दुर्दांत डकैतों के पास से भारी मात्रा में असलहे और जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने 35 राउंड से भी ज्यादा गोलियां चलाईं जबकि डकैतों ने भी 15 से ज्यादा फायर किये थे। पुलिस ने दोनों डकैतों के शव रात भर खोजे और सुबह शव बरामद कर लिए गए हैं।

दूसरी तरफ सूत्रों के हवाले से खबर है कि 8 सितम्बर की रात डकैत बबली कोल ने यूपी के चित्रकूट जिले की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के धारकुंडी थाना क्षेत्र के हरसेड़ गांव से किसान अवधेश द्विवेदी का अपहरण कर लिया था। इस घटना में मिली फिरौती की रकम का हिस्सा बांट को लेकर विवाद होने के बाद दोनों डकैतों के बीच गैंगवार हो गई। उसी दौरान लाली गिरोह ने ताबड़तोड़ कई राउंड गोली चलाकर बबली कोल व उसके साथी लवलेश को मौत के घाट उतार दिया। इस घटना के बाद लाली ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।

बलखड़िया के बाद बना था बबली कोल गैंग

चित्रकूट जिले के मारकुंडी थाना क्षेत्र के ग्राम डोडामाफी गांव निवासी डकैत बबली कोल का जन्म 1979 में हुआ था। बबली के पिता रामचरन उर्फ़ गंगोलिया कोल मूलत: कर्वी जिले के मारकुंडी थानान्तर्गत डोड़ामाफी के सोसायटी कोलान का निवासी है। 8वीं क्लास तक पढ़े बबली की सोहबत शुरुआत से ही आपराधिक प्रवृत्ति के युवाओं से रही। वर्ष 2007 में बबली को कुख्यात डकैत ठोकिया की मदद के आरोप में पुलिस ने कट्टे के साथ गिरफ्तार किया। जेल में रहने के दौरान बबली की पहचान ठोकिया गैंग के मेम्बर लाली पटेल से हुई। बबली ने जेल से पेशी करने आ रहे लाली पटेल को फरार कराया। इस तरह वह ठोकिया के करीब आ गया। वर्ष 2012 में हत्या की पहली वारदात को अंजाम देकर बबली सुर्खियों में आ गया। ठोकिया के मारे जाने के बाद बबली ने बलखड़िया का हाथ पकड़ा और चंद समय में ही बलखड़िया का राइट हैंड बन गया। बलखड़िया के साथ कई जघन्य घटनाओं को अंजाम दिया। पुलिस एनकांउटर में बलखड़िया के मारे जाने के बाद बबली ने गैंग की कमान संभाली। बबली के ऊपर एमपी-यूपी में हत्या, अपहरण, रंगदारी वसूली के 100 से ज्यादा अपराध दर्ज थे। बबली पर यूपी पुलिस ने पांच लाख और एमपी पुलिस ने 7 लाख का इनाम घोषित कर रखा था।

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